सृजन घोटाले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार | 1900 करोड़ का घोटाला

बिहार : भागलपुर  बहुचर्चित सृजन घोटाले की मुख्य आरोपी रजनी प्रिया को सीबीआई ने दिल्ली के गाजियाबाद के साहिबाबाद से गिरफ्तार कर लिया है,
जबकि कांड के एक मुख्य आरोपी अमित कुमार की मौत हो चुकी है इस की जानकारी सीबीआई सूत्रों ने दी।
बैंक ऑफ बड़ौदा
बैंक ऑफ बड़ौदा
बिहार के सबसे बड़े घोटाले में में अभी तक कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है सलाखों के पीछे कई बैंक अफसरों से लेकर कलर्क तक बंद है।
पूरे मामले में सीबीआई अपना सिकंजा लगातार कश्ती जा रही थी। सृजन घोटाला के मास्टरमाइंड मनोरमा देवी के निधन के बाद उसके आरोपी बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की तलाश की जा रही थी।
पंजाब नैशनल बैंक
पंजाब नैशनल बैंक
गौरतलाब हो की मिली जानकारी के अनुसार अमित कुमार की मृत्यु हो चुकी है।
सीबीआई ने 25 अगस्त 2017 को जांच शुरू की गई थी,
मुख्य आरोपी का घर
मुख्य आरोपी का घर
जिसमें अब तक कई बैंक के अधिकारियों से लेकर क्लर्क सलाखों के पीछे है बता दे सृजन घोटाले एनजीओ के खाते में ट्रांसफर की गई राशि का बंदर बांट हुआ था।

 

क्या है पूरा मामला  

बिहार के सबसे बड़े घोटाले 1900 करोड़ के सृजन घोटाले में मुख्य आरोपी रजनी प्रिया को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है।

इस मामले में अभी तक कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है |सलाखों के पीछे कई बैंक अफसरों से लेकर कलर्क तक बंद है। पूरे मामले में सीबीआई अपना सिकंजा लगातार कश्ती जा रही थी। सृजन घोटाला के मास्टरमाइंड मनोरमा देवी के निधन के बाद उसके आरोपी बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की तलाश की जा रही थी।

गौरतलाब हो की मिली जानकारी के अनुसार अमित कुमार की मृत्यु हो चुकी है।

वही बतादे की अमित कुमार और रजनी प्रिया दोनों को कोर्ट में पेशी होने का आदेश मिला था लेकिन कोर्ट में हाजिरी नहीं होने पर सीबीआई ने उसकी पुराने आवास सहित उसके तीनों मकान पर नोटिस भी चिपकाए था। सृजन घोटाला मामले पर सीबीआई ने 25 अगस्त 2017 को जांच शुरू की थी, जिसमें अब तक कई बैंक के अधिकारियों से लेकर क्लर्क सलाखों के पीछे है बता दे सृजन घोटाले एनजीओ के खाते में ट्रांसफर की गई राशि का बंदर बांट हुआ था।

अगस्त 2017 के पहले हफ्ते में भागलपुर के पूर्व जिलाधिकारी आदेश तितरमारे के हस्ताक्षर वाला एक चेक बैंक ने यह कह कर वापस कर दिया था कि आपके खाते में पर्याप्त राशि नहीं है… चेक सरकारी खाते का था.. जिलाधिकारी आदेश तितरमारे के लिए यह हैरान करने वाली बात थी क्योंकि उनको जानकारी थी कि सरकारी खाते में पर्याप्त राशि है …इसके बाद उन्होंने जांच के लिए एक कमेटी बनाई। मामला सामने आने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसकी जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर बिहार पुलिस के आर्थिक अपराध इकाई का विशेष जांच दल भागलपुर पहुंचा,इसका नेतृत्व आईजी रैंक के पुलिस अफ़सर कर रहे थे।इस टीम को तीन दिन तो यह समझने में लग गए कि सरकारी ख़ाते का पैसा एक एनजीओ के ख़ाते में कैसे गया। उसके बाद एक के बाद एक कड़ी खुलने लगी थी जिसके बाद उन्होंने सीबीआई को यह जांच करने का आदेश दे दिया। सृजन घोटाला का निभ 2004 में ही रख दी गई थी जैसे-जैसे जांच प्रक्रिया हुई वैसे–वैसे रकम भी बढ़ती जा रही थी। कई नाम और नामचीन चेहरे भी सामने आ रहे थे। वही भागलपुर के रह चुके जिलाधिकारी के पी रमैया का भी नाम इसमें सामने आया।के पी रमैया को भागलपुर के लोग एक अच्छे व्यक्ति के रूप में जानते थे और आज भी इनकी चर्चा होती है…लेकिन इनके सृजन घोटाले में संलिप्ता होने के कारण इसकी अब आपराधिक छवि से देखते हैं। केपी रमैया अभी भी फरार चल रहे हैं।

 

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