सोशल मीडिया की दुनिया में संत प्रेमानंद महाराज एक प्रसिद्ध नाम बन चुके हैं। उनके सत्संग और विचारों को लाखों लोग सुनते और अनुसरण करते हैं। हाल ही में, उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने IIT Baba जैसे नकली साधुओं का पर्दाफाश किया है। इस वीडियो में उन्होंने बताया कि कैसे कुछ लोग महज वेशभूषा बदलकर संत बनने का दावा करते हैं और समाज को गुमराह करते हैं। इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब IIT Baba को जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया और बाद में जमानत मिल गई। आइए जानते हैं इस विवाद से जुड़ी पूरी कहानी।
IIT Baba विवाद – क्या है पूरा मामला?
महाकुंभ के बाद भी IIT Baba उर्फ अभय सिंह लगातार चर्चा में बने हुए हैं। कुछ दिनों पहले एक न्यूज़ चैनल की डिबेट में उन्होंने ऐसा हंगामा मचाया कि एक संत पर गर्म चाय तक फेंक दी। इस घटना के बाद जयपुर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, लेकिन कुछ ही घंटों में जमानत भी मिल गई। इसके बाद सोशल मीडिया पर IIT Baba को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आने लगीं। इस बीच संत प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने पहले ही ऐसे ढोंगी बाबाओं के बारे में चेतावनी दी थी।
संत प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?
संत प्रेमानंद महाराज अपने स्पष्ट और निर्भीक विचारों के लिए जाने जाते हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या कोई व्यक्ति बिना गुरु के साधु बन सकता है, तो उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि कई लोग महज लंबी दाढ़ी और साधु जैसी वेशभूषा धारण कर खुद को संत घोषित कर देते हैं, लेकिन असल में वे प्रसिद्धि और भौतिक सुखों की लालसा में ऐसा करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग समाज में भ्रम फैलाते हैं और लोगों को गुमराह करते हैं।
कैसे पहचाने असली संत?
संत प्रेमानंद महाराज ने सच्चे संत की पहचान बताने के लिए तीन महत्वपूर्ण बातें साझा कीं:
गुण | असली संत की पहचान |
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पुत्रेषणा | सांसारिक इच्छाओं पर नियंत्रण |
वित्तेषणा | धन और संपत्ति की लालसा का त्याग |
लोकेषणा | मान-सम्मान और प्रसिद्धि की इच्छा का त्याग |
उन्होंने कहा कि असली संत वही होता है जो काम, क्रोध, लोभ और मोह से मुक्त हो और अपने आचरण से दूसरों को प्रेरित करे। बाहरी रूप-रंग से कोई संत नहीं बनता, बल्कि व्यक्ति के आंतरिक गुणों से उसकी पहचान होती है।
IIT Baba का सच उजागर
इस विवाद के बाद सोशल मीडिया यूजर्स संत प्रेमानंद महाराज की बातों को IIT Baba से जोड़कर देख रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं कि बाबा ने उनकी पोल खोल दी है। जयपुर पुलिस ने जब उन्हें गिरफ्तार किया, तो उनके पास से गांजा बरामद हुआ। इसके बाद लोगों को एहसास हुआ कि वे असली संत नहीं बल्कि एक ढोंगी हैं।
IIT Baba का यह मामला लोगों के लिए एक सीख है कि किसी भी व्यक्ति को केवल उसके लुक्स और बोलचाल से संत मान लेना सही नहीं है। संत प्रेमानंद महाराज के विचारों से यह स्पष्ट होता है कि असली संत वही होता है जो मोह-माया से दूर रहकर समाज के कल्याण के लिए कार्य करे।