दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इतिहास रच दिया है। बीजेपी के रविंद्र सिंह नेगी ने आम आदमी पार्टी (AAP) के अवध ओझा को 22 हजार से अधिक वोटों से हराकर इस गढ़ को ढहा दिया। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, रविंद्र नेगी को 58,821 वोट मिले, जबकि AAP के अवध ओझा सिर्फ 36,578 वोट ही जुटा पाए। कांग्रेस के अनिल चौधरी 12,176 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
इस जीत के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। पटपड़गंज सीट, जो 2013 से AAP का मजबूत किला मानी जाती थी, अब बीजेपी के कब्जे में आ गई है। मनीष सिसोदिया ने इस बार पटपड़गंज छोड़कर जंगपुरा से चुनाव लड़ा, लेकिन वहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह हार सिर्फ एक सीट की है, या दिल्ली की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत?
AAP के उम्मीदवार अवध ओझा ने हार स्वीकारते हुए जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि वह अपनी गलतियों से सीख लेंगे। उन्होंने संवाद में कमी की बात मानते हुए हार की पूरी जिम्मेदारी ली। वहीं, बीजेपी समर्थक इस जीत को AAP के घटते जनाधार के संकेत के रूप में देख रहे हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह हार AAP के लिए एक बड़ा सबक साबित हो सकती है। क्या यह हार अस्थायी झटका है या दिल्ली की राजनीति में AAP के भविष्य को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा? इसका जवाब आने वाले दिनों में सामने आएगा।