कोऑपरेटिव शिक्षण कोर्स शुरू करेगा टीएमबीयू | कुलपति |TMBU

बिहार कोऑपरेटिव के 12वें वार्षिकोत्सव में उपस्थित तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति ने साथ मिलकर काम करने का दिया प्रस्ताव

विकास का सावग्राही और सर्वस्पर्शी मॉडल है सहकारिता : विधायक ि बिहार कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड की वार्षिक आमसभा शनिवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के बहुद्देशीय प्रशाल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. जवाहरलाल, कहलगाव के विधायक पवन कुमार यादव, सीटीएस नाथनगर के प्राचार्य मिथिलेश कुमार, अखिल भारतीय कोयला मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लखनलाल पाठक, गाँधी विचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विजय, लाइफ स्किल ट्रेनर देवज्योति मुखर्जी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

दीप प्रज्वलित करते अतिथि
दीप प्रज्वलित करते अतिथि

कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि विवि में महिला स्वावलंबन के लिए कई शिक्षण-प्रशिक्षण कोर्स चलाया जा रहा है। इन प्रशिक्षित महिलाओं को सोसाइटी अपने से जोड़े और वित्तपोषित कर उन्हें स्वरोजगार का अवसर प्रदान करे। उन्होंने कहा कि आनेवाले समय सहकारिता का है। इस क्षेत्र में नौकरी और रोजगार की अपार संभावनाएं है।

महाराष्ट्र की तरह भागलपुर विश्वविद्यालय भी कोऑपरेटिव शिक्षण-प्रशिक्षण ट्रेनिंग शुरू करने जा रही। ताकि यहाँ से डिग्री प्राप्त लोगों को नौकरी और रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके। उन्होंने बिहार कोऑपरेटिव के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य करने और एमओयू साइन करने की इच्छा जाहिर की।
सोसाइटी के अध्यक्ष नितेश कुमार ने कुलपति के प्रस्ताव का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर अगर विस्तृत प्रस्ताव आता है तो निदेशक पर्षद गंभीरता से विचार करेगी और यह सोसाइटी के लिए गौरव की बात होगी। उन्होंने सोसाइटी के 12 वर्षों की विकास यात्रा पर चर्चा करते हुए से सदस्यों के विश्वास और सद्भाव का परिणाम बताया और वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जितेंद्र मिश्रा ने सदस्यों को 10 प्रतिशत लाभांश देने की घोषणा की

मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जितेंद्र मिश्रा
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जितेंद्र मिश्रा

विधायक पवन यादव ने कहा कि सहकारिता अंग प्रदेश के लोगों के संस्कार रहे है।

ग्रामीण भारत के विकास को सावग्राही और सर्वस्पर्शी बनाने के लिए सहकारिता मॉडल को अपनाना ही होगा। जरूरत सहकारिता के विचार को आधुनिक समय के अनुरूप बनाकर, टेक्नोलॉजी और प्रोफेशनलिज्म के साथ जोड़कर आगे बढ़ने के है।

बिहार बिहार कोऑपरेटिव इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है।

सीटीएस नाथनगर के प्राचार्य मिथिलेश कुमार ने सहकारिता के महत्व पर प्रकाश डाला और सोसाइटी के प्रयासों की सराहना की।

मजदूर नेता लखनलाल पाठक ने कहा कि कुछ स्वार्थी और बेइमान लोगों ने कुत्सित साजिश के तहत भागलपुर में सहकारिता आंदोलन को कमजोर और बदनाम किया।

अविश्वास के इस वातावरण में भी बिहार कोऑपरेटिव अपनी साख और सदस्यों के विश्वास को बनाये रखने में कामयाब रही है। यह अंग की धरती पर सहकारिता की जीत का प्रमाण है।

सहकारिता के महत्व पर चर्चा करते हुए गाँधीवादी विचारक डॉ. विजय ने गाँधी ने 20वीं सदी की शुरुआत में समावेशी विकास के लिए सहकारिता के महत्व को रेखांकित किया था।

आज 21वीं सदी में भी उनके विचार प्रासंगिक हैं।

देवज्योति मुखर्जी ने भागलपुर में सहकारिता आंदोलन को मजबूती देने की जरूरत बताई।

मंच संचालन सोसाइटी के महाप्रबंधक प्रीतम कुमार यादवेंदु ने किया। इस मौके पर सोसाइटी के तीन सदस्य महेशखुट शाखा के बिपिन कुमार, तारापुर शाखा के गणेश प्रसाद वर्मा और शंभुगंज शाखा से जुड़े सदस्य ललन कुमार को आदर्श सदस्य के रूप सम्मानित किया गया।

 

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