कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष जो हम लोगों के जीवन में आत्मा तथा ज्ञान इंद्रियों को रोशन करने तथा प्रकाश लेकर आता है ।
अभी के समय में स्वस्थ शरीर ही धन कहलाता है ।
स्वास्थ्य की दृष्टि से भी प्रकाश पर्व का बड़ा महत्व है ।
” दीपावली ” पाँच दिवसीय त्यौहार है ।
जिसकी शुरुआत धनतेरस से की जाती है । त्रयोदशी के दिन धनतेरस और चतुर्दशी पर रुप चौदस व अमावस्या पर होती है दीपावली
महाभारत एवं पुराणों में भगवान धन्वंतरि का सर्वप्रथम उल्लेख मिलता है ।
विष्णु पुराण में कहा गया है । की समुद्र मंथन के दौरान धन्वंतरि का पृथ्वी लोक में अवतरण हुआ था ।
इसलिए दीपावली के 2 दिन पहले धनतेरस को भगवान धन्वंतरी का जन्म धनतेरस के रूप में मनाने की परंपरा है ।
भगवान धन्वंतरी को प्रसन्न करने का अत्यंत सरल मंत्र
।।ॐ धन्वंतराये नमः ।।
धनतेरस दिन घर के मुख्य द्वार पर व आंगन में दीप जलाने का विधान है ।
इससे घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है ।
धनतेरस को 13 की संख्या का खास महत्व है ।
भगवत पुराण में ही धन्वंतरि को भगवान विष्णु का 12वां अवतार बताया गया है ।
मान्यता है कि धनतेरस पर जो भी खरीदारी या उपाय किए जाते हैं , वह आपको 13 गुना फल देता है ।
इसलिए इस दिन 13 की संख्या को शुभ माना जाता है ।
धनतेरस के दिन ही देवताओं के राजपाट और सुख समृद्धि में 13 गुणे वृद्धि हुई थी ।
इसलिए इस दिन 13 की संख्या का खास महत्व होता है ।
वास्तु के अनुसार धनतेरस के दिन भूलकर भी ना खरीदें इन चीजों को :-
लोहे के बर्तन या लोहे के कुछ भी चीजों को इस दिन ना खरीदें । ज्योतिष के अनुसार लोहे को शनि का कारक माना जाता है ।
अलमुनियम के बर्तन : अल्मुनियम में राहु का प्रभाव होता है ।
स्टील के बरतन : आमतौर पर लोग स्टील के बर्तन भी खरीद लेते हैं जो सही नहीं होता स्टील को भी राहु का कारक माना जाता है ।
धनतेरस के दिन “कांच” की बनी कुछ आकर्षक चीजें आपके मन को मोह लेती है । किन्तु उन चीजों को ना खरीदें ।
इस दिन कोशिश करें “काले” रंग कि कोई भी वस्तु घर नहीं लाना चाहिए । हिंदू धर्म के अनुसार काला रंग को शुभ नहीं माना गया है । या इसके लिए अपने पुरोहितों से सलाह ले सकते हैं ।
क्या खरीद सकते हैं धनतेरस के दिन । आइये जानते हैं
धनतेरस के दिन ” सोना ” या “चाँदी” ले सकते हैं ।
खासतौर पर भगवान “कुबेर” को प्रिय है । चांदी ।
इस दिन पानी भरने का कोई भी बर्तन जिसमें पानी भरा जा सकता हो खरीद लेनी चाहिए । चाहे छोटा हो या बड़ा । ध्यान रहे । लोहा , स्टील या अल्मुनियम न हो ।
धनतेरस के दिन गणेश लक्ष्मी जी की फ़ोटो या मूर्ति ले सकते हैं
मिट्टी के दीए या बर्तन खरीद सकते हैं ।
इस दिन ” श्रीयंत्र ” खरदने की भी परम्परा है अच्छे दुकान से १ खरीद सकते हैं ।
धनतेरस के दिन इलेक्ट्रॉनिक गुड्स भी ले सकते हैं , जैसे फ्रीज वाशिंग मशीन , टीवी , केंट इत्यादि ।
धनतेरस के दिन नया “झाड़ू” खरीदना चाहिए ।
ऐसी मान्यता है कि झाड़ू खरीद कर अपने घर लाने से घर की दरिद्रता दूर हो जाती है । यह झाड़ू अपने ही पैसे से खरीदें ।
इस दिन कोशिश करें “उधार” ना “दें” ना ही “ले”
धनतेरस को धनिया खरीदना भी शुभ माना जाता है ।
इसे दीपावली वाले दिन माता जी को अर्पित कर पूजा पाठ कर कुछ दाने आप अपने गमले में ” बो ” दें । कुछ दिन बाद अगर पौधा हो गया तो उसे पानी दे कर सिचते रहे । इससे माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी । फिर अगले साल दुहरा सकते हैं ।
अत्यंत महत्वपूर्ण यम की साधना :–
शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान धनवंतरी के साथ माँ लक्ष्मी भी प्रकट हुई थीं ।
आस्था और विश्वास से जुड़े महापर्व पर यम की साधना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है ।
“धनतेरस” के दूसरे दिन यम के लिए आटे का चौमुखी दीपक बनाकर घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है ।
महिलाएं विधि विधान से पूजन के बाद दीपक जलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर यम की पूजन करती है ।
वास्तु शास्त्र के अनुसार दीपावली के दिन चार के गुणांक में दीप जलाएं
जिसमें 4, 8,12 ,16 ,20, 24, 28 ,32 ,36, 40,44 ,48,52 56,60,64 ……… इस क्रम में दिये हो सकते हैं ।
आध्यात्मिक रूप से यह दीपावली पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है !