हादसे से मचा हड़कंप
मधुबनी जिले के बेनीपट्टी प्रखंड में अरेर थाना क्षेत्र के लोहा-परौल मार्ग पर गोल्ड ईंट भट्ठे पर बड़ा हादसा हो गया। मजदूर जब ट्रैक्टर पर ईंट लोड कर रहे थे, तभी अचानक भट्ठे की दीवार ढह गई। इस हादसे में 45 वर्षीय मजदूर राजू कुमार दास की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए।
इस दर्दनाक घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी, और मृतक के गांव में शोक की लहर दौड़ गई। पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया।
हादसा कैसे हुआ?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मजदूर ट्रैक्टर पर ईंट लोड कर रहे थे, तभी अचानक भट्ठे की एक पुरानी दीवार गिर गई और वहां मौजूद चार मजदूर इसके नीचे दब गए।
🚨 घटना का संक्षिप्त विवरण:
स्थिति | विवरण |
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हादसे का स्थान | अरेर, मधुबनी (गोल्ड ईंट भट्ठा) |
मृतक मजदूर | राजू कुमार दास (45 वर्ष, नरही गांव) |
घायल मजदूर | दिनेश दास, मंजय राय (नरही गांव), विश्वनाथ पासवान (परौल) |
घटना का कारण | ईंट लोडिंग के दौरान पुरानी दीवार का गिरना |
इलाज का स्थान | मधुबनी अस्पताल |
परिजनों की प्रतिक्रिया | पोस्टमार्टम से इनकार |
घटनास्थल पर मौजूद अन्य मजदूरों ने कड़ी मशक्कत से दबे हुए लोगों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक राजू की मौत हो चुकी थी। बाकी तीन घायलों को तुरंत मधुबनी अस्पताल भेजा गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
मृतक राजू कुमार दास की पत्नी सुनीता देवी और उनके चार बच्चे इस हादसे के बाद सदमे में हैं। राजू पिछले 8 साल से मजदूरी कर परिवार का पेट पाल रहे थे। उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, और इस घटना के बाद उनकी हालत और भी खराब हो गई है।
राजू की मौत के बाद परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। पुलिस ने जब परिवार से बात की तो उन्होंने कहा कि वे सामाजिक स्तर पर मामले को सुलझाना चाहते हैं।
थानाध्यक्ष नेहा निधि ने बताया:
“हम मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक घायलों को अस्पताल भेजा जा चुका था। परिजनों ने पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया और मामला सामाजिक स्तर पर सुलझा लिया गया।”
प्रशासन और सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने ईंट भट्ठों पर मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अक्सर देखा गया है कि पुरानी और जर्जर दीवारों की मरम्मत नहीं की जाती, जिससे इस तरह की घटनाएं होती हैं।
🔍 मुख्य मुद्दे:
✔️ ईंट भट्ठों पर मजदूरों के लिए सुरक्षा के उचित इंतजाम नहीं किए जाते।
✔️ प्रशासन और भट्ठा मालिकों की लापरवाही के कारण मजदूरों की जान जोखिम में रहती है।
✔️ इस घटना की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं न हों।
निष्कर्ष
मधुबनी का यह हादसा मजदूरों की दयनीय स्थिति और भट्ठा मालिकों की लापरवाही को उजागर करता है। राजू कुमार दास की मौत ने उनके परिवार को आर्थिक संकट में डाल दिया है। प्रशासन को चाहिए कि मजदूरों की सुरक्षा के कड़े नियम बनाए और भट्ठा मालिकों को जवाबदेह ठहराए ताकि आगे ऐसी घटनाएं न हों।