बिहार के संविदाकर्मियों को झटका: सरकार ने किया स्थायीकरण से इनकार

 भूमिका

बिहार के संविदाकर्मी लंबे समय से अपनी सेवाओं को स्थायी (परमानेंट) करने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने इस पर अपना रुख साफ कर दिया है। बुधवार को बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधान परिषद में स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल संविदाकर्मियों को स्थायी करने की कोई योजना नहीं है। सरकार केवल यह सुनिश्चित करेगी कि संविदाकर्मियों को न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन न मिले और यदि ऐसा होता है, तो कार्रवाई की जाएगी


📌 सरकार का रुख: क्या कहा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने?

बिहार विधान परिषद में एमएलसी वंशीधर ब्रजवासी के सवाल का जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने स्पष्ट किया कि:

✅ सरकार के पास संविदाकर्मियों को स्थायी करने की कोई योजना नहीं है
✅ अगर संविदाकर्मियों को न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन मिलता है, तो सरकार इस पर कार्यवाही करेगी
✅ फिलहाल सरकार अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है, लेकिन स्थायीकरण संभव नहीं है

मुद्दा सरकार का जवाब
संविदाकर्मियों को स्थायी करना सरकार के पास कोई योजना नहीं
न्यूनतम वेतन का मुद्दा सरकार कार्रवाई करेगी
संविदाकर्मियों के वेतन, भत्तों और पेंशन की मांग फिलहाल कोई ठोस निर्णय नहीं

⚖️ संविदाकर्मियों की प्रमुख मांगें

बिहार में संविदाकर्मी लगातार सरकार से अपनी सेवा शर्तों में सुधार की मांग कर रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

📌 स्थायीकरण: संविदाकर्मी चाहते हैं कि उन्हें सरकारी कर्मचारी की तरह स्थायी किया जाए और उनके सेवा नियमों को नियमित किया जाए

📌 वेतन वृद्धि: वर्तमान में संविदाकर्मी बेहद कम वेतन पर काम कर रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि उनका वेतन बढ़ाया जाए और अन्य सरकारी कर्मचारियों के बराबर लाया जाए

📌 भत्ते और सुविधाएं: संविदाकर्मी चाहते हैं कि उन्हें भी हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रांसपोर्ट भत्ता, मेडिकल भत्ता जैसी सुविधाएं मिलें।

📌 रिटायरमेंट लाभ: स्थायी कर्मचारियों की तरह संविदाकर्मियों को भी पेंशन और सेवानिवृत्ति के अन्य लाभ मिलने चाहिए

📌 समय पर वेतन भुगतान: कई बार संविदाकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिलता। वे चाहते हैं कि हर महीने समय पर वेतन मिले ताकि आर्थिक परेशानियां न हों।


🚨 संविदाकर्मियों के लिए बड़ा झटका! अब आगे क्या?

बिहार सरकार के इस फैसले से संविदाकर्मी निराश हैं। उनकी मांगों को लेकर सरकार अभी कोई ठोस कदम उठाने के मूड में नहीं दिख रही। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह संविदाकर्मियों को परमानेंट करने के लिए तैयार नहीं है

अब सवाल उठता है कि संविदाकर्मी क्या करेंगे? क्या वे आंदोलन की राह पकड़ेंगे, या फिर सरकार कोई नया प्रस्ताव लाकर उनकी समस्याओं को हल करेगी? आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सरकार और संविदाकर्मियों के बीच तनाव बढ़ सकता है।

🔥 क्या बिहार सरकार संविदाकर्मियों की समस्याओं का हल निकालेगी या विरोध प्रदर्शन तेज होंगे? यह देखना दिलचस्प होगा!

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