मुंबई में बड़ा हादसा: निर्माणाधीन इमारत में पानी की टंकी साफ करने उतरे 4 मजदूरों की दम घुटने से मौत

मुंबई के नागपाड़ा इलाके में रविवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब निर्माणाधीन इमारत में पानी की टंकी की सफाई करने उतरे 5 मजदूरों की हालत बिगड़ गई। दम घुटने की वजह से 4 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक मजदूर का अस्पताल में इलाज चल रहा है। हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया, और प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है।

टंकी में सफाई के दौरान मजदूरों की हालत बिगड़ी, चार की गई जान
यह घटना नागपाड़ा के डिमटीमकर रोड स्थित बिस्मिल्लाह स्पेस बिल्डिंग की है। दोपहर करीब 12:30 बजे पांच मजदूर टंकी की सफाई के लिए अंदर गए, लेकिन कुछ ही देर में उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। सफोकेशन की वजह से उनकी हालत बिगड़ गई और वे बेहोश हो गए। दमकल विभाग को सूचना मिलने पर तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और सभी मजदूरों को बाहर निकालकर जेजे अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने चार मजदूरों को मृत घोषित कर दिया, जबकि पांचवें मजदूर का इलाज जारी है।

हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों की हुई पहचान
हादसे में मारे गए मजदूरों की पहचान हो गई है। मृतकों में हसीपाल शेख (19), राजा शेख (20), जियाउल्ला शेख (36) और इमांडू शेख (38) शामिल हैं। वहीं, पांचवें मजदूर पुरहान शेख (31) की हालत नाजुक बनी हुई है और डॉक्टर उसकी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने मृतकों के परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

क्या सुरक्षा मानकों की अनदेखी बनी मौत की वजह?
प्रशासन की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि मजदूरों को सफाई के दौरान कोई सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए थे। आमतौर पर पानी की टंकी की सफाई के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर और मास्क जैसी जरूरी चीजों की व्यवस्था की जाती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। इससे मजदूरों को जहरीली गैस की चपेट में आकर अपनी जान गंवानी पड़ी। पुलिस इस पहलू की भी जांच कर रही है कि ठेकेदार ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया था या नहीं।

पुलिस ने दर्ज की ADR, हादसे की जांच जारी
जेजे पुलिस स्टेशन में इस मामले में Accidental Death Report (ADR) दर्ज कर ली गई है। पुलिस यह जांच कर रही है कि हादसे में लापरवाही किसकी थी और क्या मजदूरों की मौत ठेकेदार या इमारत मालिक की चूक से हुई। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर निर्माण कार्यों में मजदूरों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मजदूरों की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल, प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में
मुंबई जैसे बड़े महानगर में आए दिन निर्माण कार्यों के दौरान मजदूरों की जान जाने की घटनाएं सामने आती हैं। यह हादसा दर्शाता है कि कैसे ठेकेदारों और इमारत मालिकों की लापरवाही मजदूरों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए और मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियम लागू करे। सवाल यह भी उठता है कि क्या इस हादसे के दोषियों को सजा मिलेगी या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा?

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