अयोध्या में राम मंदिर में चढ़ावे की धनराशि में ऐतिहासिक वृद्धि देखी जा रही है। 26 जनवरी 2025 से प्रतिदिन लगभग एक करोड़ रुपये का चढ़ावा मंदिर में आ रहा है। इस वृद्धि के पीछे महाकुंभ का प्रभाव और श्रद्धालुओं की अटूट आस्था मुख्य कारण हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने इस विशाल समर्पण राशि को संभालने के लिए नौ स्थायी और 36 अस्थायी कर्मचारियों को नियुक्त किया है, जो प्रतिदिन गिनती और लेखा-जोखा का कार्य संभाल रहे हैं।
राम मंदिर में महाकुंभ के बाद चढ़ावे की बढ़त
महाकुंभ मेले के बाद अयोध्या में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है। मकर संक्रांति के दिन से यह भीड़ लगातार बढ़ती गई और मौनी अमावस्या के समय यह अपने चरम पर पहुंच गई। SBI अयोध्या के मुख्य प्रबंधक जी.पी. मिश्र के अनुसार, 26 जनवरी से 28 फरवरी (34 दिन) तक श्रद्धालुओं ने लगभग 34 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ाया। यह मंदिर की समृद्धि और भक्तों की अटूट आस्था को दर्शाता है।
📌 तथ्य तालिका (चढ़ावे की गणना):
अवधि | प्रतिदिन चढ़ावा | कुल चढ़ावा |
---|---|---|
26 जनवरी – 28 फरवरी | ₹1 करोड़ प्रतिदिन | ₹34 करोड़ |
बैंक में जमा सिक्कों की विशाल संख्या और गणना प्रक्रिया
राम मंदिर में चढ़ाए गए सिक्कों की संख्या भी बहुत अधिक है, जिसके कारण SBI ने विशेष मशीनों का उपयोग शुरू किया है। बैंक में ₹1, ₹2, ₹5 और ₹10 के सिक्के अलग-अलग गिने जाते हैं, और इसके बाद सौ-सौ सिक्कों के दो-दो हजार रुपये के पैकेट बनाए जाते हैं।
💡 प्रमुख बातें:
- सिक्कों की गिनती मशीनों से की जाती है।
- ₹1 और ₹2 के सिक्के बैंक में जमा होते हैं, जबकि अन्य सिक्के मंदिर में उपयोग किए जाते हैं।
- 45 कर्मचारियों की टीम प्रतिदिन इस कार्य को संभाल रही है।
सोने-चांदी के आभूषणों की वैज्ञानिक परख और बिस्किट निर्माण
श्रद्धालुओं द्वारा दान किए गए सोने-चांदी के आभूषणों की वैज्ञानिक परख के लिए राम मंदिर प्रबंधन ने भारत सरकार की सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) से अनुबंध किया है।
🛠️ आभूषणों की परख की प्रक्रिया:
- मंदिर में चढ़ाए गए आभूषणों को एकत्र किया जाता है।
- SPMCIL की टीम इन धातुओं की वैज्ञानिक जांच करती है।
- शुद्ध धातु को अलग कर सोने-चांदी के बिस्किट तैयार किए जाते हैं।
यह प्रक्रिया मंदिर की संपत्ति को व्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से संरक्षित करने का एक अभिनव तरीका है।
निष्कर्ष
राम मंदिर में हो रही भारी धनराशि और आभूषणों की समर्पण प्रक्रिया इस बात का प्रमाण है कि श्रद्धालुओं की आस्था निरंतर बढ़ रही है। महाकुंभ के प्रभाव ने इस चढ़ावे में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। SBI और SPMCIL जैसी संस्थाओं के सहयोग से मंदिर प्रशासन चढ़ावे की पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित, पारदर्शी और सुव्यवस्थित बना रहा है। अयोध्या, श्रद्धा और समर्पण का केंद्र बनकर भारत की आध्यात्मिक धरोहर को और मजबूत कर रहा है।