दिल्ली विधानसभा चुनाव में नतीजों ने सबको चौंका दिया है। सबसे बड़ा उलटफेर जंगपुरा सीट पर देखने को मिला, जहां आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को हार का सामना करना पड़ा है। सिसोदिया को भाजपा उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ने कड़ी टक्कर देते हुए 38,859 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि सिसोदिया को 38,184 वोट मिले।
जंगपुरा सीट इस बार VIP सीट मानी जा रही थी, क्योंकि मनीष सिसोदिया पटपड़गंज छोड़कर यहां से चुनाव मैदान में उतरे थे। पार्टी ने मौजूदा विधायक प्रवीण कुमार का टिकट काटकर सिसोदिया को मौका दिया था। हालांकि, शराब घोटाले में गिरफ्तारी और जमानत पर रिहाई के बाद सिसोदिया के चुनावी अभियान को भारी झटका लगा।
तरविंदर सिंह मारवाह की इस जीत ने भाजपा को बड़ी राजनीतिक बढ़त दी है। यह हार आम आदमी पार्टी के लिए सिर्फ एक चुनावी झटका नहीं, बल्कि दिल्ली की राजनीति में नई चुनौतियों का संकेत भी है।
क्या जंगपुरा में हार, पार्टी की रणनीति पर उठाएगी सवाल?
मनीष सिसोदिया की हार से आम आदमी पार्टी की रणनीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या VIP चेहरे को उतारने की रणनीति गलत साबित हुई, या फिर शराब घोटाले के आरोपों का असर पड़ा? यह नतीजा दिल्ली की राजनीति में नई बहस को जन्म दे सकता है।