ब्रेकिंग न्यूज़: प्रयागराज महाकुंभ में अवैध टेंट सिटी, पुलिस की सख्त कार्रवाई

प्रयागराज महाकुंभ में बिना अनुमति के बसाई गई एक अवैध टेंट सिटी को प्रशासन ने सख्ती से हटाया है। सेक्टर 22 के पास छतनाग इलाके में बनी इस अवैध टेंट सिटी को “जूस्टा शिविर” के नाम से संचालित किया जा रहा था। प्रशासन की नजर तब इस पर गई जब 30 जनवरी को यहां आग लगने की घटना सामने आई, जिसमें 15 टेंट जलकर राख हो गए। जांच में सामने आया कि इस टेंट सिटी में सौ से अधिक लग्जरियस टेंट लगाए गए थे, जिनकी देशी-विदेशी श्रद्धालुओं द्वारा एडवांस बुकिंग कराई गई थी। यह पूरा शिविर किसानों से लीज पर ली गई जमीन पर बनाया गया था, लेकिन इसके लिए कोई वैध अनुमति नहीं ली गई थी। प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए टेंट सिटी को हटाने का आदेश दिया और वहां ठहरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

प्रशासनिक कार्रवाई में फूलपुर तहसील के एसडीएम और अन्य अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और टेंट सिटी को पूरी तरह खाली करवाया। जांच में सामने आया कि इस टेंट सिटी का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा था, जिसमें वीआईपी कैटेगरी के सौ से अधिक टेंट शामिल थे। बिना सरकारी अनुमति के चल रहे इस शिविर ने न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाई, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया। महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में इस तरह की लापरवाही न केवल प्रशासन के लिए चुनौती थी, बल्कि इससे धार्मिक पर्यटन पर भी असर पड़ सकता था। अधिकारियों के अनुसार, यह टेंट सिटी बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का हिस्सा थी, जहां महाकुंभ के नाम पर श्रद्धालुओं को ठहरने की अवैध सुविधा दी जा रही थी।

इस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए टेंट सिटी के संचालकों और ठेकेदारों समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस कमिश्नरेट के झूसी थाने में यह मामला दर्ज हुआ, जिसमें महाकुंभ के नाम पर अवैध धंधा चलाने और श्रद्धालुओं को गुमराह करने के आरोप लगाए गए हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद यह साफ हो गया है कि बिना अनुमति के किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दावे किए जा रहे हैं कि इस मामले में कुछ रसूखदार लोगों की संलिप्तता भी हो सकती है, जिसकी गहन जांच जारी है। सवाल यह भी उठता है कि आखिर इतनी बड़ी अवैध टेंट सिटी बिना प्रशासन की जानकारी के कैसे संचालित हो रही थी? क्या इसके पीछे किसी बड़े नेटवर्क का हाथ है? प्रशासन की इस कार्रवाई से महाकुंभ में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने का संदेश दिया गया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि इस मामले में और कौन-कौन से बड़े नाम सामने आते हैं।

Leave a Comment