क्या पुलिस महकमे में लापरवाही की जड़े गहरी हो गई हैं?
बेगूसराय से चौंकाने वाली खबर सामने आई है! डीआईजी आशीष भारती ने 10 पुलिस पदाधिकारियों पर गाज गिराई है। इन अधिकारियों पर काम में लापरवाही और अनुसंधान में ढिलाई बरतने के गंभीर आरोप लगे हैं। यही वजह है कि एससी-एसटी थाना समेत कई अन्य थानों के पुलिस अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है।
डीआईजी के निशाने पर कौन-कौन?
जांच के दौरान डीआईजी ने SC-ST थाना के निवर्तमान थानाध्यक्ष और वर्तमान में बेगूसराय नगर थाना में तैनात पुलिस अवर निरीक्षक राम प्रताप पासवान तथा SC-ST थाना की सहायक अवर निरीक्षक पूनम देवी पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। सवाल उठता है कि क्या इन अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लिया? या फिर पुलिस विभाग में लापरवाही की यह कोई नई कड़ी है?
सिर्फ दो नहीं, कई अधिकारी जांच के घेरे में!
डीआईजी के आदेश की जद में सिर्फ दो नहीं, बल्कि कई पुलिस अधिकारी आ चुके हैं। इनमें जीरोमाइल थाना के पुलिस अवर निरीक्षक ब्रिज किशोर तिवारी, मटिहानी थाना के अनिल कुमार मिश्रा, बखरी थाना के हरेन्द्र राम और राजेन्द्र राम, एससी-एसटी थाना की पुलिस अवर निरीक्षक कुमारी शिवसती को कड़ी चेतावनी दी गई है। इसके अलावा, एससी-एसटी थाना के मोती चंद्र राम और परिहारा थाना के सहायक अवर निरीक्षक धनंजय कुमार को भी निंदन दी गई है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई समीक्षा बैठक
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बेगूसराय एसपी और सभी डीएसपी के साथ बैठक की। इस दौरान लंबित मामलों की तेजी से जांच पूरी करने, फरार आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और कुर्की करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
क्या पुलिस महकमे में सुधार होगा?
डीआईजी के इस सख्त एक्शन से साफ है कि पुलिस विभाग में अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इन कार्रवाइयों से बेगूसराय पुलिस की कार्यशैली में सुधार आएगा? या फिर यह भी महज एक औपचारिक कार्रवाई बनकर रह जाएगी? जनता जवाब चाहती है!