प्रस्तावना:
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर पर किए गए निराधार दावों को सख्ती से खारिज कर दिया है। भारत ने स्पष्ट किया कि इस तरह के बेबुनियाद दावे न तो पाकिस्तान के दावे को वैधता देंगे और न ही उसकी सीमापार आतंकवाद की नीति को सही ठहराएंगे। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने पाकिस्तान की मानसिकता पर भी गंभीर सवाल उठाए और कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।
🔷 पाकिस्तान के अनुचित दावे पर भारत की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र महासभा में “इस्लामोफोबिया से लड़ने के अंतर्राष्ट्रीय दिवस” के अवसर पर पाकिस्तान की पूर्व विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया। इस पर भारत के राजदूत पी. हरीश ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि पाकिस्तान की यह आदत बन चुकी है कि वह हर मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाकर झूठ फैलाने की कोशिश करता है। लेकिन सच्चाई यह है कि इस तरह की बातें न तो इतिहास को बदल सकती हैं और न ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर सकती हैं।
🔷 पाकिस्तान का दोहरा रवैया: आतंकवाद और कट्टरता
भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और कट्टरपंथी सोच को समर्थन देने का भी आरोप लगाया। पी. हरीश ने पाकिस्तान की मानसिकता को “कट्टरपंथी और भेदभावपूर्ण” करार देते हुए कहा कि यह देश सीमापार आतंकवाद को समर्थन देता है और फिर खुद को पीड़ित बताने की कोशिश करता है।
📊 पाकिस्तान की नीतियों की सच्चाई (तालिका)
विषय | सच्चाई |
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जम्मू-कश्मीर पर दावा | पाकिस्तान के निराधार दावे को कोई अंतरराष्ट्रीय समर्थन नहीं |
सीमापार आतंकवाद | पाकिस्तान लगातार आतंकवादियों को समर्थन देता है |
कट्टरपंथ | पाकिस्तान में धार्मिक कट्टरता और भेदभाव बढ़ रहा है |
भारत का रुख | जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा |
🔷 भारत का स्पष्ट संदेश: कश्मीर पर झूठ नहीं चलेगा
भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के झूठे दावे न तो कोई असर डालेंगे और न ही इतिहास को बदल पाएंगे। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे पाकिस्तान की दोहरी नीतियों को समझें और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाएं।
🔷 निष्कर्ष: सच्चाई की जीत होगी
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया एक बार फिर यह साबित करती है कि कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा था और हमेशा रहेगा। पाकिस्तान चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन झूठे दावों से सच्चाई को बदला नहीं जा सकता। भारत की मजबूत कूटनीति और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख इस लड़ाई में हमेशा आगे रहेगा।
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