बिहार के गोपालगंज में आयोजित हनुमंत कथा के दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू अकेले रहेंगे तो टूट जाएंगे, लेकिन अगर वे संगठित रहेंगे तो उन्हें कोई नहीं तोड़ सकता। अपनी बात को समझाते हुए उन्होंने एक उदाहरण दिया कि यदि किसी कुत्ते पर पत्थर फेंका जाए तो वह भाग जाएगा, लेकिन वही पत्थर मधुमक्खियों के छत्ते पर फेंका जाए तो इंसान को भागना पड़ेगा। इसका अर्थ उन्होंने यह बताया कि अकेला व्यक्ति कमजोर होता है, लेकिन एकजुटता में शक्ति होती है। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू अलग-अलग रहेंगे तो संघर्ष करना पड़ेगा, लेकिन यदि वे एकजुट होंगे तो देशविरोधी ताकतें स्वयं ही भाग जाएंगी।
अपने संबोधन में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, “तुम हमारा साथ दो, हम तुम्हें हिंदू राष्ट्र देंगे।” उन्होंने संविधान को देश का आदर्श बताते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने इसे स्वीकार किया है और हम इसके अनुसार ही चलेंगे। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अब तक संविधान में 125 से अधिक संशोधन हो चुके हैं, तो अगर हिंदू राष्ट्र के लिए एक संशोधन और हो जाए तो क्या समस्या है? उन्होंने स्पष्ट किया कि वे संविधान के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हिंदू राष्ट्र की आवश्यकता महसूस करते हैं। बिहार में उनके आगमन के बाद इस विषय को लेकर विवाद बढ़ गया है और मीडिया में भी इस पर चर्चा हो रही है।
अपने विरोधियों को जवाब देते हुए शास्त्री ने कहा कि कुछ लोग उनके कार्यक्रम को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे बिना रुके कथा करते रहेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि “यह देश रानी लक्ष्मीबाई का है, बाबर का नहीं। यह राम और रघुवर का देश है, संतों का देश है। बिहार हमारा है और हम जब तक जीवित रहेंगे, तब तक यहां आते रहेंगे।” उन्होंने अपने आलोचकों को संदेश देते हुए कहा, “जो हमारे आने से नाराज हैं, उनके लिए ‘Same To You’”।
गौरतलब है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा गोपालगंज के रामनगर स्थित राम जानकी मठ में 10 मार्च तक चलेगी। शनिवार को यहां दिव्य दरबार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भारी संख्या में भक्तों के आने की संभावना है। वहीं, उनके बयानों को लेकर बिहार की सियासत भी गर्मा गई है। कुछ लोग उनके विचारों का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे विवादास्पद करार दे रहे हैं।