केदारनाथ में रोप-वे: अब 36 मिनट में पूरी होगी 9 घंटे की यात्रा

भारत सरकार ने उत्तराखंड के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब रोप-वे प्रोजेक्ट को मंजूरी देकर चारधाम यात्रा को और भी सुगम और सुरक्षित बना दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 5 मार्च 2025 को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में इस महत्वपूर्ण परियोजना को हरी झंडी दी गई।

🚠 केदारनाथ रोप-वे: तीर्थयात्रा अब और आसान

इस रोप-वे प्रोजेक्ट के तहत सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबा रोप-वे बनाया जाएगा। ₹4081 करोड़ की लागत से बनने वाली इस परियोजना का निर्माण नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट द्वारा किया जाएगा। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इस रोप-वे से अब श्रद्धालु मात्र 36 मिनट में केदारनाथ पहुंच सकेंगे, जबकि पहले यह यात्रा 8-9 घंटे में पूरी होती थी।

🔹 रोप-वे की विशेषताएं

विशेषता विवरण
लंबाई 12.9 किलोमीटर
लागत ₹4081 करोड़
निर्माण संस्था नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट
यात्रा समय 36 मिनट
केबिन क्षमता 36 यात्री प्रति ट्रिप

इस रोप-वे की उन्नत संरचना और सुरक्षा मानकों के कारण श्रद्धालु अधिक आरामदायक और सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे।

📈 स्थानीय व्यवसायों को मिलेगा आर्थिक बल

सरकार के इस फैसले से चारधाम यात्रा को और बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय व्यापारियों और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।

पर्यटन सीजन बढ़ेगा – अब श्रद्धालुओं की आवाजाही पूरे छह महीने तक बनी रहेगी।
रोजगार के नए अवसर – शुरुआती दो महीनों में अधिक तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए नए रोजगार पैदा होंगे।
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा – होटल, ढाबे, टैक्सी सेवाएं और धार्मिक प्रसाद बेचने वाले व्यवसायों को सीधा लाभ मिलेगा।

🛤️ हेमकुंड साहिब रोप-वे: तीर्थयात्रियों के लिए वरदान

केंद्रीय कैबिनेट ने हेमकुंड साहिब और वैली ऑफ फ्लावर्स तक पहुंच को आसान बनाने के लिए ₹2730 करोड़ की लागत से एक और रोप-वे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। यह खासतौर पर उन श्रद्धालुओं के लिए उपयोगी होगा, जो ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यात्रा करने में कठिनाइयों का सामना करते हैं।

🐄 किसानों के लिए बड़ा फैसला: पशुधन स्वास्थ्य योजना को हरी झंडी

सरकार ने किसानों के हित में पशुधन स्वास्थ्य और रोग रोकथाम के लिए ₹3880 करोड़ की मंजूरी दी है। यह योजना विशेष रूप से खुरपका-मुंहपका (FMD) और ब्रुसेलोसिस जैसी बीमारियों से निपटने के लिए शुरू की जा रही है।

🔹 योजना के मुख्य बिंदु

विस्तृत टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।
मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां किसानों को उनके द्वार पर सहायता देंगी।
भारत पशुधन पोर्टल के माध्यम से लाइव मॉनिटरिंग होगी।
उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं पशु औषधि केंद्रों पर उपलब्ध कराई जाएंगी।
पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए एथनो-वेटरनरी चिकित्सा को प्रोत्साहित किया जाएगा।

🌟 निष्कर्ष

केंद्र सरकार के इन ऐतिहासिक फैसलों से उत्तराखंड में पर्यटन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। जहां रोप-वे परियोजनाओं से तीर्थयात्रा सुरक्षित और आसान होगी, वहीं पशुधन स्वास्थ्य योजना से किसानों की आय और ग्रामीण विकास को मजबूती मिलेगी।

🔹 केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा अब पहले से कहीं अधिक आसान होगी!
🔹 पर्यटन, रोजगार और अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया बढ़ावा!

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