अगर आपको यह लगता है कि केबीसी में जीतने वाले को पूर्ण रकम मिल जाएगा । तो ऐसा बिल्कुल ही नही होता
असल में किसी को भी आज तक यह पूरा पैसा नहीं मिल पाया है।
सच सुनकर आप लोगों को आश्चर्य लग रहा होगा । बात बिल्कुल ही सही है ।
और घर बैठे बैठे जीतो जैकपॉट स्कीम चल रही है । उसमें जीतने वाला तो मोटी रकम लेकर जाता ही है ।
पर उससे कहीं ज्यादा पैसे के बी सी (KBC) के जेब में जाते हैं। और हाँ यह तो कुछ भी नहीं है ।
पूरी दुनिया को लगता है । केबीसी (KBC) वाले इतने विनर्स को अमीर बना रहे हैं ।
जानते हैं । वास्तविक में केबीसी (KBC) वाले की जेब से इतनी बड़ी रकम कही नहीं जाती हैं । जान कर हैरानी होगी की इतनी बड़ी रकम का घाटा तो वास्तविक में कोई और भुगतता है ।
आइए हम जानते हैं । पैसों का खेल
जैसा कि हमने आपको बताया था केबीसी (KBC) में जीतने वाले लोगों को पूरा पैसा कभी नहीं मिलता वास्तव में केबीसी (KBC) में जितने वाले प्रतियोगी को अमिताभ बच्चन अपने हाथों से प्रतियोगी को हर लेवल जीतने पर एक चेक थमा देते हैं।
आमतौर पर वह सिर्फ दिखाने के लिए होता है । यानी अगर प्रतियोगी यह चेक लेकर अपने बैंक में जाएंगे तो बैंक वाले 1रुपया भी नहीं देंगे ।
आजकल तो हम देख सकते है । अमिताभ बच्चन जी डिजिटली माध्यम से प्रतियोगी के बैंक में पैसे डलवा देते हैं।
पर ये भी बस दिखवा ही है । मतलब यह सब बस इसीलिए किया जाता है। कि के बी सी (KBC) के एक स्पॉन्सर में से एक्सिस बैंक ( axix bank ) भी है । तो कही से तो प्रमोशन करना पड़ेगा ।
आखिर में सवाल यह उठता है कि पैसा फिर मिलता कैसे हैं । देता कौन है ।
मालूम हो कि विजेता को जीतने पर पैसे चैनल द्वारा क्रेडिट किए जाते हैं ।
लेकिन ये प्रोसेस में काफी समय लग जाता है ।
मेन बात तो यह है कभी उसे पूरे पैसे नहीं मिलते हैं ।
ऐसा इसलिए है कि अगर कोई इंसान ऑनलाइन या टीवी के कोई गेम शो में पैसे कमाता है । तो उस रकम पर income from other source के हिसाब से 30.9% का टैक्स लगाया जाता है ।
यानी कोई एक करोड़ रूपया जीतता है तो लगभग कमीशन काटकर सिर्फ 6910000 रुपए घर ले जाने को मिलेंगे हैं । यानी 390000 गायब ।
क्या आप जानते है कि विजेता को पैसे देने का काम सिर्फ kbc वाले नही करते ।
अब आप सोच रहे होंगे कि इतना पैसा आखिर कौन देता है ।
दरअसल केबीसी ने भी एक हमारी आपकी तरह इंश्योरेंस पॉलिसी करा कर रखा है ।
ताकि अगर कभी दुर्भाग्यवश सेट पर कोई अनहोनी घट जाती है । या आग लग जाती है ।
तो इन सब की वजह से जो नुकसान होता है तो यह नुकसान की भरपाई इंश्योरेंस कंपनी से कवर किया जा सकता है ।
असल बात यह है कि kbc के प्रोडयूसर्स ने इंश्योरेंस कंपनी से यह कवर भी लिया हुआ है ।
की अगर कोई प्रतियोगी 2500000 ( 25लाख ) रुपये से ज्यादा की रकम जीतता है , तो यह ऊपर वाला रकम इंश्योरेंस कंपनी भरेगी ।
यानी अगर कोई प्रतियोगी अच्छा खेल रहा हो और सात करोड़ रूपया जीत गया हो तो केबीसी के पैकेट से मात्र ₹2500000/- ही जाएंगे बाकी के पूरे पैसे का भार इंश्योरेंस कंपनी को उठाना होगा ।
आइए अब जानते हैं घर बैठे जीतो जैकपॉट का रियल स्कीम ।
अगर हम भारतीयों के सामने फ्री में अगर जहर भी दे देंगे तो हम उन्हें भी ले लेंगे । यह तो फिर पैसा है भाई साहब ।
इसी विचार का फायदा केबीसी (KBC) वाले उठा रहे हैं ।
जहां इन्होंने एक अपनी अलग स्कीम निकाली है
जिसमे कि घर बैठे बैठे बच्चों के टेक्स्ट बुक से भी आसान सवालो का सही जबाब देने पर लोग लाखों की धन राशि जीत सकते हैं।
अगर आपसे कोई ऐसे छोटी मोटी सवाल करेगा तो आपका भी जबाब देने का मन कर ही जाएगा ।
अब आप ऐसे अकेले इंसान तो हैं नही । ऐसे बहुत लोग हैं । जो इतने आसान सवालो पर जबाब देना नही चाहेगा । हर कोई भाग लेना चाहेगा । तभी तो s.m.s. के द्वारा देशभर के लोग इस कॉन्टेस्ट में भाग लेते हैं । और कोई कोई तो अलग-अलग फोन से मैसेज करते हैं ।
जिससे उनके जीतने के चांसेस बढ़ जाते हैं ।
इस मैसेजेस के कारण होता यह है जो सिम कार्ड की कंपनी है उनके डेटामें ट्रैफिक जाम हो जाता है । और यही ट्रैफिक जाम की वजह से वो लोग लाखों में नोट छाप लेते हैं ।
। होता ये है ।
मान लीजिए अगर एक आदमी के एक मैसेज से 1 रुपया भी कटता होगा ।
तो वैसे लाखों लोगों के एक एक कर के कितने पैसे कटते होंगे ।
तो आप ही सोच लो सिम कार्ड की कंपनी कितना कमा लेती है ।
वैसे इतना आसान सवाल होता है ।
कि लाखों लोगों का जवाब सही ही होते हैं ।
तभी तो विजेता चुनने का काम कोई इंसान नहीं बल्कि डिजिटल सिस्टम करता है ।
और आपने अगर ध्यान दिया होगा तो विनर्स हमेशा देश के अलग-अलग कोने से चुने जाते हैं।
जिससे लोगों को अपने जीतने के चांसेस दिखते रहें । और मैसेज करते रहें !