43 नालों को एक दूसरे से जोड़कर कुल 10 इंटरमीडिएट पम्पिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। जिससे साहेबगंज स्थित एसटीपी प्लांट तक पहुंचाया जाएगा।
भागलपुर :-
भारत सरकार की नमामि गंगे योजना के तहत शहर के गंदे पानी को गंगा में जाने से रोकने के लिए सीवेज का निर्माण कराया जाना है।
जिसका सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। फिलहाल 10 जगहों को चिन्हित करके आईपीएस (इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन) के लिए पिलर लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया है । यह पिलर बरारी घाट,कोयला घाट, नया बाजार आदि जगहों पर लगाया गया है। 395 करोड़ की लागत से बनने वाला यह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जिसे मेसर्स अडानी इंटरप्राइजेज द्वारा बनाया जाएगा। इस एसटीपी आईएनडी योजना भागलपुर के लिए वरदान साबित होगा। शहर में कुल 43 ऐसे नाले हैं,जिसका सीधा पानी गंगा में प्रवाहित होता है। जिससे गंगा की अविरलता को खतरा होता है।
निर्माण कर रही कंपनी द्वारा ऐसे 43 नालों को एक दूसरे से जोड़कर कुल 10 इंटरमीडिएट पम्पिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। साथ ही साथ 43 बड़े नालों को पूरी तरह से कवर कर दिया जाएगा।
प्रोजेक्ट में 13.7 किलोमीटर राइजिंग मेन,10.1 किलोमीटर ट्रंक सीवर लाइन होगी जिससे सभी वार्ड को कभर किया जाएगा। 10 इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन को एक दूसरे से कनेक्ट करके साहिबगंज यूनिवर्सिटी स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पास लाया जाएगा। जहां पर कंपनी द्वारा 45 एमएलडी क्षमता वाले बने एसटीपी से पानी को पूरी तरह रिसाइकल कर के जमुनिया नदी में प्रवाहित कर दिया जाएगा । इस पानी से लोगों को खेती करने में सुविधा होगी साथ ही साथ गंगा पूरी तरह से स्वच्छ और पवित्र होगी।
नमामि गंगे द्वारा निर्माण कर रही कंपनी को इससे 2 वर्ष में पूरा करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही यह योजना पीपीपी मोड पर रहेगी,जिसमें 15 वर्षों तक निर्माता कंपनी को इसका ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस भी करना है। निर्माता कंपनी को कुल भुगतान राशि का 40% अभी दिया जाएगा शेष 60 फिसदी 15 वर्षों तक धीरे-धीरे प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा इस एसटीपी प्रोजेक्ट के निगरानी के लिए नमामि गंगे के द्वारा एक अन्य एजेंसी की चयन की गई है। जिसके द्वारा निर्माण कर रही कंपनी के गुणवत्ता एवं मात्रा का ध्यान रखा जाएगा फिलहाल इस कंपनी का नाम अभी तक सामने नहीं आया है।