न्यूज डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव में अभी 1 साल बाकी है लेकिन बिहार की चुनावी राजनीति में हलचल शुरू हो गया है। प्रशांत किशोर की जनसुराज के बाद जल्द एक नई पार्टी का आगमन होने जा रहा है। कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से के सबसे करीबी रहे और आने वाले समय में नीतीश कुमार के उतराधिकारी के रूप में माने जा रहे भाजपा नेता और और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह नई पारी की शुरुआत करने जा रहे है। इसका संकेत आज उनके समर्थकों ने एक पोस्टर के माध्यम से दिया है। यह पोस्टर राजधानी पटना के सड़कों पे लगाया गया है। पोस्टर पर लिखा गया है कि टाइगर अभी जिंदा है.. Tiger Return’ पोस्टर लगने के बाद से ही चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीतिक गलियरो में यह भी चर्चा है कि आरसीपी सिंह भाजपा से नाराज चल रहे है। तथा बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही वह पार्टी बना सकते हैं।
बीजेपी से आरसीपी सिंह का मोहभंग
बिहार की सियासत में इस बात का चर्चा जोरों पर है कि आरसीपी सिंह का बीजेपी से पूरी तरह से मोह भंग हो चुका है। आरसीपी सिंह नीतीश कुमार से नाराजगी के बाद ही 11 मई 2023 को भाजपा में शामिल हुए थे। तब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ सरकार में थे। आरसीपी सिंह जब भाजपा में आए थे तो उन्हें लगा कि नीतीश कुमार से अपनी नाराजगी का सियासी फायदा भाजपा में मिल सकता है। लेकिन जल्द ही 2024 में नीतीश कुमार भाजपा गठबंधन के साथ सरकार बना लिए इसका सबसे बड़ा नुकसान आरसीपी सिंह को ही हुआ। लोकसभा चुनाव के समय भी भाजपा की तरफ से आरसीपी सिंह को न टिकट मिला और न ही चुनाव प्रचार में तवज्जो मिली। भाजपा पार्टी में किसी भी तरह का पद न मिलने से आरसीपी सिंह खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
कौन है आरसीपी सिंह
बिहार में नालंदा के जन्मे आरसीपी सिंह की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय हुई। वे उतर प्रदेश कैडर के 1984 बैच के आईएस अधिकारी रहे है। उन्होंने राज्य सरकार और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति दोनों में एक आईएएस अधिकारी के लिए विशिष्ट विभिन्न भूमिकाओं में काम किया। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर काम करते समय वे नीतीश कुमार के संपर्क में आए और 7 साल तक उनके निजी सचिव के रूप में काम किया। 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद उन्होंने नीतीश कुमार के प्रधान सचिव के रूप में काम किया। उन्होंने 2010 में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू में शामिल हो गए। अपने राजनीतिक शुरुआत ही राज्यसभा सांसद के साथ जेडीयू पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके आरसीपी सिंह शुरुआत से ही नीतीश कुमार के घनिष्ठ रहे। साल 2021 से 2022 तक केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में इस्पात मंत्री भी रह चुके है। नीतीश कुमार से नाराजगी के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे।