राहत की मांग को ले बाढ़ पीड़ितों ने नाथनगर-भागलपुर मुख्य मार्ग किया जाम
सुभाष चौक के पास हाथों में तख्ती ले किया प्रदर्शन, एक घंटे आवागमन रहा बाधित
ललमटिया पुलिस व अंचलाधिकारी से आश्वासन मिलने के बाद माने बाढ़ पीड़ित
इन दिनों जिले भर में गांव से लेकर शहरी इलाके में बाढ़ के कारण आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। इसको लेकर दिन के करीब सवा 11 बजे नाथनगर प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों के बाढ़ पीड़ितों ने सरकारी राहत व सुविधा की मांग को लेकर सुभाष चौक के पास सड़क जाम कर धरना प्रदर्शन किया।
जिससे करीब एक घंटे तक नाथनगर-भागलपुर मुख्य मार्ग पर आवागमन बाधित रहा और सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई थी। दर्जनों की संख्या में प्रदर्शनकारी बाढ़ पीड़ित हाथों में तख्तियां लेकर अंचल प्रशासन से राहत की मांग कर रहे थे।
उनलोंगों का कहना था कि शिविर में दो वक्त के भोजन की व्यवस्था तो कर दी गई है। लेकिन, अभी भी कई ऐसे लोग हैं जो शिविर में नहीं आ पाए हैं। ऐसे में उनलोगों को सूखा राशन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में नाव की व्यवस्था करनी चाहिए। बाढ़ पीड़ितों का कहना था कि शिविर में खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं। उनलोंगों के लिए सिर ढकने को प्लास्टिक की भी मुकम्मल सुविधा तक नहीं दी गई है। धरना का नेतृत्व बैरिया गांव निवासी भाकपा माले के जिला कमिटी सदस्य अरुण कुमार मंडल कर रहे थे। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को आपदा के तहत सरकारी स्तर पर सहायता राशि देने की भी मांग की। इधर, सड़क जाम की सूचना पर ललमटिया थानेदार दल-बल के साथ आक्रोशित लोगों को समझाने पहुंचे।
लेकिन, वे लोग अंचलाधिकारी को बुलाने और उनके आश्वासन पर ही जाम खत्म करने की मांग पर अड़े थे। सीओ को सूचना देने के बाद पुलिस के काफी समझाने-बुझाने पर करीब सवा 12 बजे बाढ़ पीड़ितों ने जाम खत्म किया गया। हालांकि, बाढ़ पीड़ितों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ ललमटिया ओपी परिसर में थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार व सीओ स्मिता झा ने बैठक कर उनकी समस्याओं को सुना और शीघ्र समाधान का भरोसा दिया। इस दौरान पप्पू यादव, भवेश यादव, देवाशीष बनर्जी सहित अन्य थे।
वही अंचलाधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारी बाढ़ पीड़ितों का कहना था कि कहीं पॉलीथिन सीट का वितरण नहीं हुआ है, तो कहीं सूखा राशन नहीं मिला है। उनलोंगों ने बताया कि 2016 में उन्हें वस्त्र भी दिया गया था। हालांकि, उनलोगों की काफी समस्या का समाधान किया जा चुका है। लेकिन, आगे भी जैसे-जैसे सरकार व प्रशासन द्वारा अन्य राहत सामग्री प्राप्त होती जाएगी, वैसे-वैसे बाढ़ पीड़ितों के बीच उसका वितरण भी किया जाएगा।