Uttarkashi में German tourist से 30 लाख की साइबर ठगी – पुलिस जांच में जुटी

पर्यटक को जाल में फंसाने की साजिश

उत्तरकाशी जिले में एक जर्मन नागरिक के साथ साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें ठगों ने 30 लाख रुपये की भारी रकम ऐंठ ली। यह घटना 4 मार्च की है, जब ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर जर्मन पर्यटक डॉ. हरमन हेनरिक को फोन किया। उन्होंने धमकी दी कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में आ चुका है और गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें तुरंत पैसे ट्रांसफर करने होंगे। इस डर से डॉ. हेनरिक ने बिना जांच-पड़ताल किए ठगों द्वारा बताए गए बैंक खाते में 30 लाख रुपये भेज दिए।

कैसे हुआ साइबर ठगी का यह संगठित अपराध?

डॉ. हेनरिक उत्तरकाशी जिले के डुंडा क्षेत्र में स्थित कुंसी गांव के एक आश्रम में ठहरे हुए थे। उसी दौरान उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को उत्तराखंड पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आ गया है। ठग ने गिरफ्तारी का डर दिखाकर तुरंत पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया और यह विश्वास दिलाया कि रकम बाद में लौटा दी जाएगी। भयभीत डॉ. हेनरिक ने जल्दीबाजी में ठग के बताए खाते में पूरे 30 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

ठगी का एहसास और पुलिस में शिकायत

रकम ट्रांसफर करने के बाद जब डॉ. हेनरिक ने ठग से दोबारा संपर्क करने की कोशिश की, तो उनका फोन स्विच ऑफ मिला। तब उन्हें एहसास हुआ कि वे एक संगठित साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं। घबराए हुए डॉ. हेनरिक तुरंत उत्तरकाशी कोतवाली पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर क्राइम शाखा को सूचित किया और जांच शुरू कर दी।

जांच की स्थिति (चार्ट)

जांच का चरण विवरण
शिकायत दर्ज डॉ. हेनरिक ने पुलिस कोतवाली में शिकायत दी।
साइबर क्राइम शाखा को सूचना मामला देहरादून साइबर थाना भेजा गया।
बैंक खाते की जांच जिस खाते में पैसे गए, उसकी जानकारी निकाली जा रही है।
मोबाइल नंबर ट्रैकिंग जिस नंबर से कॉल आया, उसकी लोकेशन और पहचान की जा रही है।
ठगों की पहचान साइबर विशेषज्ञों द्वारा अपराधियों का पता लगाया जा रहा है।

साइबर अपराधियों की बढ़ती सक्रियता

पुलिस का कहना है कि साइबर अपराधी अब नई-नई तरकीबों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। ठग खुद को सरकारी अधिकारी, पुलिसकर्मी या बैंक प्रतिनिधि बताकर भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध कॉल या अज्ञात व्यक्ति के कहने पर पैसों का लेन-देन न करें।

साइबर ठगी से बचने के लिए क्या करें?

✔️ किसी भी अनजान कॉलर की बातों पर विश्वास न करें।
✔️ खुद को पुलिस या अधिकारी बताने वाले लोगों से बैंकिंग जानकारी साझा न करें।
✔️ तुरंत पुलिस हेल्पलाइन (साइबर सेल) पर शिकायत करें।
✔️ बैंक से तुरंत संपर्क कर संदिग्ध लेन-देन की जानकारी दें।
✔️ सतर्क रहें और साइबर जागरूकता अभियानों में भाग लें।

उत्तराखंड में बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए प्रशासन ने नागरिकों से सतर्क रहने और जागरूकता बढ़ाने की अपील की है। यह घटना एक चेतावनी है कि डिजिटल युग में हमें अपनी सुरक्षा को लेकर और अधिक सतर्क रहना होगा

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