पढ़ाई के लिए दिया मोबाइल बेटे ने ऑनलाइन गेम में गंवा दिए 22 लाख
मां ने ऑनलाइन क्लास के लिए दिया था मोबाइल फोन
बंगाल के चार लोगों पर साइबर ठगी का केस दर्ज
जहां पहले बच्चों को टीवी मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से दूर रखने की बात कही जाती थी। कोविड-19 यानी लॉकडाउन के बाद यह चीज उतनी ही जरूरी हो गई है । बात ऑनलाइन क्लासेस की है।
ऑनलाइन क्लास के लिए मिले मोबाइल फोन की वजह से मासूम बच्चे कई बार गलत आदतों के शिकार हो जा रहे हैं ।
बात एक 13 वर्षीय किशोर की है । ऑनलाइन गेमिंग के जाल में ऐसे फसा के टास्क पूरा करने के लिए मां के बैंक खाते से ₹22 लाख गंवा दी है। इसका पता तब चला जब मां पासबुक अपडेट कराने बैंक गई। पुलिस के मुताबिक साइबर ठगों की पहचान संतोष कुमार सिंह, पुतुल दास, तनु कुमारी और चंद्रकला सिंह के रूप में हुई है ।यह सभी बंगाल के रहने वाले हैं ।अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। अमृतसर के शहर छे ह र टा के एक पूर्व सैन्य अधिकारी के 13 वर्षीय बेटे को ऑनलाइन गेमिंग की लत लग गई। पिता की मौत के बाद उसकी मां अमनदीप कौर ने बीमा और अन्य वित्तीय लाभ के पैसे बैंक खाते में जमा कराए थे ।अमनदीप के अनुसार वह बैंक में पासबुक अपडेट कराने गई तो पता चला कि अलग-अलग तारीखों में खाते से ₹2200000 ट्रांसफर किए गए हैं यह पैसा अलग अलग डिजिटल पेमेंट वॉलेट में गया है ।उन्होंने इस बारे में बेटे से पूछा तो उसने सारी बात बता दी। बेटे ने बताया कि ऑनलाइन क्लास के साथ ही वह ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेम खेलता है ।गेम में नए टास्क जोड़ने वह पुराने टास्क पूरे करने के लिए उसने इंटरनेट मीडिया साइट पर सर्च किया। इस दौरान वह एक गेम चैनल ऑपरेटर के संपर्क में आया, ऑपरेटर ने उसे फोन पर बताया कि वह एक ऐसी गेमिंग आईडी बनाएगा जिसे वह रहस्यमय और नई गेम खेल पाएगा। टास्क भी पूरा कर देंगे उसने ₹8000 अकाउंट में ट्रांसफर कराए ।
लेकिन आईडी नहीं बनाई बालक ने दोबारा संपर्क किया तो उसने ₹20000 की मांग की यह राशि भी उसने अकाउंट में भेज दी। इसके बाद इस युवक ने बच्चों से गेम के टास्क पूरे करने के बहाने और पैसे ठग लिए। बाद में उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। धमकियों के डर से बच्चा अलग-अलग तारीखों पर भुगतान करता रहा। बच्चे के स्कूल की फीस ऑनलाइन ट्रांसफर की जाती थी।
अमनदीप को ऑनलाइन ट्रांसफर करना नहीं आता था। लिहाजा वह बेटे से काम कराती थी।बच्चे को मां के खाते की सारी जानकारी थी।
ऐसे रखें निगरानी :-
- अभिभावक चौकन्ना रहे मोबाइल की हिस्ट्री चेक करें । देखें कि किन किन सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया गया है।
- चाइल्ड लॉक लगा कर रखें ।
- पासवर्ड का उपयोग हो सके तो खुद करें।
जिस मोबाइल नंबर से बैंक खाता जुड़ा है, उसका सिम बच्चों को ना दें ।
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