दिल्ली में भाजपा सरकार के गठन से कुछ दिन पहले, यमुना नदी की सफाई के लिए एक बड़े पैमाने पर अभियान की शुरुआत रविवार को हुई। यह पहल तीन साल के पुनर्जीवित करने की योजना के तहत शुरू की गई है, जो चार प्रमुख रणनीतियों पर आधारित है। इस अभियान का उद्देश्य यमुना नदी को अगले तीन वर्षों में साफ और पुनर्जीवित करना है।
यमुना सफाई: भाजपा का मुख्य चुनावी वादा
यमुना नदी की सफाई दिल्ली भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में एक महत्वपूर्ण वादा थी। पार्टी ने दिल्लीवासियों को यह आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर एक आधुनिक रिवरफ्रंट का विकास करेगी और यमुना के पुनर्निर्माण के लिए एक समर्पित कोष, यमुना कोश की स्थापना करेगी।
यमुना सफाई के लिए चार-प्रमुख रणनीति
दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वी.के. सक्सेना ने शनिवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में सफाई योजना पर तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया। यह रणनीति चार मुख्य पहलुओं पर आधारित है:
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मलबा और कीचड़ हटाना: यमुना और प्रमुख नालों से कचरा और जमा हुआ कीचड़ साफ किया जाएगा, जिसमें नजफगढ़ और अनुपूरक नाले भी शामिल हैं।
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सीवेज उपचार: मौजूदा सीवेज उपचार संयंत्रों (STPs) की कार्यक्षमता की निगरानी और सुधार के साथ-साथ नए STPs का निर्माण तेज किया जाएगा, ताकि प्रतिदिन 400 मिलियन गैलन सीवेज का उपचार किया जा सके।
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अंतर-विभागीय समन्वय: दिल्ली जल बोर्ड (DJB), नगर निगम (MCD), सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC), पर्यावरण विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD), और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) जैसी एजेंसियों के बीच सुचारू समन्वय सुनिश्चित करना।
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नियामक निगरानी: दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) द्वारा उद्योगों से बिना उपचारित जल व नदी में अवशिष्ट पदार्थ डालने पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
यमुना सफाई की निगरानी
उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि “सप्ताह दर सप्ताह योजना के निष्पादन की निगरानी उच्चतम स्तर पर की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सफाई अभियान सुचारू रूप से चल सके।”
यमुना सफाई में अतीत के प्रयास
आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने 2015 में यमुना नदी को पांच वर्षों में पुनर्जीवित करने का वादा किया था। हालांकि, एक दशक बाद भी नदी में कोई विशेष सुधार नहीं देखा गया है। 2015 से 2021 तक लगभग ₹6,856.91 करोड़ यमुना सफाई अभियानों पर खर्च किए गए, लेकिन परिणाम नहीं मिले।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) का हस्तक्षेप
2015 में NGT ने 32 नए सीवेज उपचार संयंत्रों (STPs) की स्थापना का निर्देश दिया था, लेकिन 2019 तक इनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ। अधिकारियों ने भूमि अधिग्रहण में समस्याओं और अव्यावहारिक समयसीमाओं को कारण बताया। इसके अलावा, NGT ने 2018 में एक समन्वित दृष्टिकोण की कमी की ओर इशारा किया, जिसके कारण जिम्मेदारी में भारी छेद थे।
हरियाणा और दिल्ली के बीच विवाद
हरियाणा राज्य द्वारा यमुना में बिना उपचारित जल छोड़ने के कारण दिल्ली और हरियाणा के बीच तनाव और बढ़ा है। इसने यमुना सफाई के प्रयासों को और जटिल बना दिया है।
यमुना पुनर्जीवन परियोजना
जनवरी 2023 में एक उच्च-स्तरीय समिति द्वारा यमुना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए एक परियोजना शुरू की गई थी, जो NGT द्वारा गठित की गई थी और इसके अध्यक्ष दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना थे। हालांकि, AAP ने इस समिति की गठन को चुनौती दी और इसे राज्य के अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन बताया।
यमुना पुनःस्थापना योजना
भा.ज.पा. ने अपनी ‘विकसित दिल्ली संकल्प पत्र’ में यमुना के पुनर्निर्माण के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना पेश की है। इस योजना में सीवेज उपचार क्षमता को 1000 MGD तक बढ़ाना और सामान्य अपशिष्ट उपचार क्षमता को 220 मिलियन लीटर प्रति दिन (MLD) तक बढ़ाना शामिल है।
यमुना सफाई का भविष्य: एक उम्मीद की किरण
यमुना की सफाई और पुनर्निर्माण के लिए उठाए गए कदमों से यह उम्मीद है कि यह नदी, जो दिल्लीवासियों के जीवन का अभिन्न हिस्सा है, जल्दी ही प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ बनेगी। हालांकि, यह एक लंबी और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया होगी, जिसमें हर नागरिक और सरकार को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
चार-प्रमुख रणनीति का कार्यान्वयन
अब यह देखना होगा कि सरकार इन योजनाओं को कितनी तेजी और प्रभावी तरीके से लागू करती है और क्या इस बार यमुना को एक नई जिंदगी मिलती है।
निष्कर्ष
यमुना नदी की सफाई का अभियान दिल्ली सरकार की प्राथमिकता बन चुका है। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि दिल्लीवासियों को भी एक साफ और स्वस्थ जीवन मिलेगा।
संबंधित आंकड़े:
यमुना सफाई में निवेश और खर्च
साल | निवेश (₹ करोड़ में) | कार्यान्वयन स्थिति |
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2015-2021 | 6,856.91 | सफाई में कोई खास सुधार नहीं |
2023 | अपेक्षित ₹ 1000 करोड़ | योजना लागू होनी शुरू हुई |
यह चार-प्रमुख रणनीति, सरकार और नागरिकों के सहयोग से यमुना को पुनः जीवन देने में मददगार साबित हो सकती है।