प्यार का जाल या माया का मायाजाल?
सहरसा की गलियों में आज भी गूंज रही हैं वो सिसकियाँ, जो एक मासूम लड़की के अधूरे सपनों की चीखें थीं। श्रुति कुमारी (23 वर्ष), एक होनहार युवती, जिसने अपनी मेहनत से अपने करियर को ऊँचाइयों तक पहुँचाने की ठानी थी। लेकिन उसे क्या पता था कि एक सफर, एक मुलाकात और एक मोहब्बत उसके जीवन की सबसे खौफनाक भूल बन जाएगी। ट्रेन में शुरू हुई दोस्ती कब इश्क के गहरे दलदल में बदल गई, श्रुति को इसका एहसास तब हुआ जब बहुत देर हो चुकी थी।
💔 प्यार, शादी और छलावे की साजिश?
श्रुति को मिथिलेश कुमार मिलन ने झूठे वादों और नकली प्यार में ऐसा उलझाया कि वो खुद को भाग्यशाली समझ बैठी। शादी के सुनहरे ख्वाब दिखाए गए, वादे किए गए, मगर सच्चाई कुछ और ही थी। जिस शख्स को उसने हमसफ़र चुना था, वो पहले से शादीशुदा था! दो बच्चों का पिता, जो अपने अतीत को छिपाकर श्रुति की जिंदगी में घुस आया था। जब इस साजिश का पर्दाफाश हुआ, तब तक श्रुति की ज़िन्दगी बर्बाद हो चुकी थी।
🏠 किराए के मकान में कैद हुई ज़िन्दगी!
शादी के बाद श्रुति को उसके ससुराल की दहलीज़ तक नसीब नहीं हुई। उसे कभी मधेपुरा, तो कभी सहरसा में किराए के मकान में रखा गया। न अपनापन, न परिवार का प्यार—बस एक अजनबी के साथ कैद में जीने को मजबूर। 6 महीने पहले जब उसे पति की पहली शादी और बच्चों के बारे में पता चला, तब उसकी दुनिया पूरी तरह बिखर गई। वो जिस रिश्ते को अपनी ताकत समझ रही थी, वही उसके लिए सबसे बड़ा धोखा बन चुका था।
⚠️ खुदकुशी या कोई और साज़िश?
घटना के दिन श्रुति और मिथिलेश के बीच तीखी बहस हुई। गुस्से में आकर पति घर से चला गया, लेकिन जब वापस लौटा तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। काफी कोशिशों के बाद भी अंदर से कोई हलचल नहीं हुई। जब मकान मालिक और आसपास के लोगों की मदद से वेंटीलेटर से झाँका गया, तो अंदर का मंजर रूह कंपा देने वाला था—श्रुति फंदे से लटकी हुई थी। सवाल यह उठता है कि क्या यह सिर्फ आत्महत्या थी, या फिर कोई सोची-समझी साज़िश?
👮 पुलिस जांच में उलझी गुत्थी!
पुलिस ने मौके पर पहुँचकर जांच शुरू की, लेकिन एफएसएल की टीम घंटों तक नहीं आई, जिससे मामले की जाँच में देरी हुई। मृतका की बहन और माँ ने मिथिलेश पर गंभीर आरोप लगाए हैं—क्या वह सच में निर्दोष है या उसके प्यार के नाम पर कोई खतरनाक खेल खेला गया था?