क्या पानी भी दो देशों के बीच जंग की वजह बन सकता है? भारत के सिंधु जल संधि पर सख्त रवैये ने पाकिस्तान को झकझोर दिया है। हाल ही में भारत ने आतंकी हमलों के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए सिंधु जल संधि को आंशिक रूप से सस्पेंड कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंच से आग उगलते हुए भारत को चेतावनी दी कि “हर हमले का जवाब देंगे।” अब यह विवाद सिर्फ पानी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कूटनीतिक और राजनीतिक तनाव का बड़ा कारण बनता दिख रहा है।
पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी काकुल में पासिंग आउट परेड के दौरान पीएम शरीफ ने अपने भाषण में भारत को खुली धमकी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के हर कदम का जवाब देगा। इससे पहले पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी भड़काऊ बयान देते हुए कहा था, “या तो सिंधु से हमारा पानी बहेगा या उनका खून।” पाकिस्तान की सियासत में ऐसी भाषा आम होती जा रही है, लेकिन भारत ने भी अब सख्ती से जवाब देने का मन बना लिया है।
भारत ने 1960 में हुई सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिल रहे पानी के प्रवाह को आंशिक रूप से रोकने का फैसला लिया है। जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने साफ कर दिया कि अब सहनशीलता की सीमा खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों को देश छोड़ने का निर्देश दिया और आर्थिक व कूटनीतिक मोर्चों पर भी कई कड़े कदम उठाए हैं।
बौखलाए पाकिस्तान ने भी भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है। उसने भारत के साथ व्यापारिक संबंध निलंबित कर दिए हैं, शिमला समझौते सहित अन्य द्विपक्षीय समझौतों को रोक दिया है और भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने की धमकी दी है। इसके अलावा, सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारतीय नागरिकों को दिए गए वीजा भी रद्द कर दिए गए हैं। इन कदमों से साफ है कि पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को अलग-थलग महसूस कर रहा है।