Khasi की राह थामे नागा संन्यासी, कुंभनगरी में गूंजी धर्म की अंतिम विदाई

कुंभनगरी में शुक्रवार को अखाड़ों की परंपरागत विदाई का दिन रहा। कढ़ी-पकौड़ी के भोज के साथ नागा संन्यासियों ने काशी की राह पकड़ ली। श्रीपंचायती महानिर्वाणी, निरंजनी, जूना, आनंद, और अटल अखाड़े की पंगत में साधु-संतों को बेसन की कढ़ी-पकौड़ी का प्रसाद वितरित किया गया। प्रसाद ग्रहण करने के बाद सभी ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ काशी की ओर प्रस्थान किया।

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होली तक काशी में प्रवास करेंगे नागा संन्यासी
अधिकांश नागा संन्यासी महाशिवरात्रि और होली तक काशी में रुकेंगे। वे बाबा विश्वनाथ के दर्शन और पूजा के बाद होली का उत्सव मनाएंगे। उधर, वैष्णव अखाड़े और अनी अखाड़ों के संत हरिद्वार, मथुरा, वृंदावन, और अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं। यहां वे श्रीकृष्ण और राधा संग होली खेलेंगे।

शिवरात्रि को उतरेगी धर्मध्वजा
हालांकि अखाड़ों की औपचारिक विदाई हो चुकी है, लेकिन कुंभनगरी में धर्मध्वजा शिवरात्रि तक लहराती रहेगी। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने बताया कि स्थानीय पदाधिकारी महाशिवरात्रि पर धर्मध्वजा को विधिवत नीचे उतारेंगे। नए बने अष्टकौशल महंत की अगुवाई में अखाड़ों के प्रस्थान का संकेत पहले ही दे दिया गया है।

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