क्या भोजपुरी में अश्लीलता सही है? Honey Singh के ‘Maniac’ गाने पर कोर्ट का फैसला!

क्या है पूरा मामला?

हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मशहूर सिंगर और रैपर यो यो हनी सिंह के नए गाने ‘Maniac’ के कुछ बोलों को बदलने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता लव कुश कुमार का आरोप था कि यह गाना भोजपुरी भाषा का उपयोग करके महिलाओं को “यौन वस्तु” के रूप में दर्शाता है और समाज में गलत संदेश फैलाता है।

लेकिन कोर्ट ने इस मामले में यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि “अश्लीलता का कोई धर्म नहीं होता” और यह भी साफ कर दिया कि यह मामला निजी कानून के तहत आता है, न कि सार्वजनिक कानून के।

क्या गाने में अश्लीलता को बढ़ावा दिया गया?

याचिकाकर्ता के अनुसार, गाने में इस्तेमाल किए गए भोजपुरी बोल “डबल मीनिंग” हैं और वे महिलाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं। उनका दावा था कि इस तरह के गानों से समाज में महिलाओं के प्रति असम्मान और भेदभाव की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि “अश्लीलता तो अश्लीलता होती है, फिर वह किसी भी भाषा में हो”। साथ ही, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता इस मामले में सीधे कोर्ट से राहत नहीं मांग सकते, क्योंकि यह मामला किसी सरकारी एजेंसी के खिलाफ नहीं बल्कि एक निजी व्यक्ति के खिलाफ है।

क्या कानूनी रास्ता बचा है?

हालांकि कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी, लेकिन याचिकाकर्ता को कानूनी विकल्पों को आजमाने की सलाह दी। कोर्ट ने कहा कि यदि यह गाना कानूनी रूप से अपराध की श्रेणी में आता है, तो याचिकाकर्ता एफआईआर दर्ज करा सकते हैं और यदि पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती, तो वह अन्य कानूनी उपायों का सहारा ले सकते हैं।

क्या यह भोजपुरी भाषा का अपमान है?

इस पूरे विवाद के बाद एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि क्या भोजपुरी में अभद्र भाषा का उपयोग करना उसकी छवि को नुकसान पहुंचाता है? याचिकाकर्ता ने इस गाने को भोजपुरी भाषा को गलत तरीके से प्रस्तुत करने वाला बताया। लेकिन क्या भोजपुरी में गाए जाने वाले हर गाने को अश्लील कहना सही होगा? क्या यह भोजपुरी भाषा के साथ अन्याय नहीं है?

आपकी राय क्या है?

  1. क्या आपको लगता है कि Honey Singh के गाने सच में समाज पर गलत प्रभाव डालते हैं?

  2. क्या भोजपुरी भाषा को केवल अश्लीलता से जोड़ना सही है?

  3. क्या अश्लील गानों पर सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए?

  4. क्या कोर्ट को ऐसे मामलों में दखल देना चाहिए?

  5. क्या संगीत की स्वतंत्रता को नियंत्रित किया जाना चाहिए?

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