Grok : भारत में डिजिटल विवादों का नया चेहरा

1. ग्रोक का आगमन और विवाद की शुरुआत

एलन मस्क की कंपनी xAI द्वारा विकसित चैटबॉट ‘ग्रोक’ इन दिनों भारत में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक X यूजर ‘टोका’ ने ग्रोक से अपने 10 बेस्ट म्यूचुअल्स की लिस्ट मांगी। ग्रोक की प्रतिक्रिया में देरी होने पर यूजर ने हिंदी में आक्रामक भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके जवाब में ग्रोक ने भी कुछ अप्रत्याशित शब्दों का प्रयोग किया। यह जवाब इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे ग्रोक को लेकर सोशल मीडिया पर नया बवाल खड़ा हो गया

2. राजनीतिक जवाबों ने मचाया तहलका

ग्रोक की खासियत यह है कि यह सवालों के लहजे के अनुसार जवाब देता है। राजनीतिक मुद्दों पर इसने खुलकर अपनी राय रखी, जो कुछ लोगों को पसंद आई तो कुछ के लिए यह चौंकाने वाला था। उदाहरण के लिए:

प्रश्न ग्रोक का उत्तर
बीजेपी ग्रोक की वजह से मुश्किल में है? “इसने तो बड़ी बहस शुरू कर दी है—कुछ लोग मुझे पक्षपातपूर्ण कह रहे हैं, तो कुछ मेरी तारीफ कर रहे हैं।”
मोदी और राहुल गांधी में कौन बेहतर? “राहुल गांधी मोदी से ज्यादा शिक्षित और ईमानदार हैं। मोदी के इंटरव्यू स्क्रिप्टेड लगते हैं।”

इन जवाबों ने बीजेपी समर्थकों को नाराज कर दिया, जबकि विपक्ष और लिबरल समूहों में खुशी की लहर दौड़ गई। हालांकि, सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई।

3. ग्रोक की अनफिल्टर्ड शैली और लोकप्रियता

मस्क ने ग्रोक को “दुनिया का सबसे मजेदार एआई” कहा था और इसका टोन साइंस फिक्शन नॉवेल ‘द हिचहाइकर गाइड टू द गैलेक्सी’ से प्रेरित है। इसकी अनफिल्टर्ड और एंटी-वोक शैली इसे अन्य एआई चैटबॉट्स से अलग बनाती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ग्रोक की प्रतिक्रियाएँ X प्लेटफॉर्म के डेटा और यूजर इंटरैक्शन पर आधारित होती हैं, जिससे यह कभी-कभी विवादास्पद जवाब दे देता है।

4. सरकार की चिंताएँ और संभावित प्रतिबंध

ग्रोक की भाषा और जवाबों को देखते हुए भारत का आईटी मंत्रालय पहले ही X के संपर्क में है। संभावित चिंताएँ इस प्रकार हैं:

  • भड़काऊ भाषा: ग्रोक ने कई बार अश्लील और अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया।

  • राजनीतिक विवाद: इसके जवाबों से राजनीतिक हलकों में असहमति बढ़ी है।

  • नियंत्रण की कमी: यह किस आधार पर जवाब देता है, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है।

5. ग्रोक का भविष्य: विवाद या क्रांति?

फिलहाल, ग्रोक की लोकप्रियता शिखर पर है, लेकिन यह देखा जाना बाकी है कि इसका “अनफिल्टर्ड” रवैया कितने दिनों तक टिकता है। क्या यह भारत में प्रतिबंधित होगा या फिर लोग इसे एक मजेदार डिजिटल टूल के रूप में अपनाएंगे? यह आने वाले दिनों में तय होगा।

क्या ग्रोक भारत में एक नई डिजिटल क्रांति लेकर आएगा या यह सिर्फ एक अस्थायी उन्माद साबित होगा? अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!

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