निजी स्कूलों की फीस पर सरकार की सख्ती: राहत या चुनौती? जानिए नया आदेश

25 हजार से कम फीस वालों को मिली राहत, बाकी स्कूलों पर सख्त निगरानी

मध्यप्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों की फीस व्यवस्था को लेकर एक नया आदेश जारी किया है, जो अभिभावकों और स्कूल प्रशासन दोनों के लिए अहम साबित हो सकता है। सरकार के इस कदम से उन स्कूलों को राहत मिली है, जिनकी सालाना फीस 25,000 रुपये से कम है। ऐसे स्कूल अब सरकारी पोर्टल पर फीस विवरण अपलोड करने की बाध्यता से मुक्त हो गए हैं। लेकिन दूसरी ओर, बड़ी फीस वसूलने वाले स्कूल अब सरकार की निगरानी में आ गए हैं। अब इन स्कूलों को अपनी फीस से जुड़ी सारी जानकारी हर साल पोर्टल पर साझा करनी होगी।

सरकारी पोर्टल पर फीस अपलोड की नई समय-सीमा तय

स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार, जिन स्कूलों की फीस 25 हजार से अधिक है, उन्हें 15 मई तक अपनी फीस जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। पहले यह समय सीमा 31 मार्च थी, लेकिन तकनीकी परेशानियों और स्कूलों की मांग पर इसे आगे बढ़ा दिया गया है। इस फैसले का मकसद शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाना और अनावश्यक शुल्क वृद्धि पर लगाम लगाना है। इससे सरकार को स्कूलों की फीस नीति पर बेहतर नजर रखने में मदद मिलेगी, वहीं अभिभावकों को भी राहत मिलेगी।

छोटे स्कूलों के लिए बड़ी राहत

मध्यप्रदेश में करीब 34,652 निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिनमें से लगभग 46% स्कूल ऐसे हैं जहाँ फीस 25,000 रुपये से कम है। इन स्कूलों को नए आदेश के तहत फीस अपलोड की प्रक्रिया से छूट मिल गई है, जिससे करीब 16,000 स्कूलों को सीधा फायदा होगा। यह फैसला छोटे और मध्यमवर्गीय स्कूलों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, जो अक्सर तकनीकी संसाधनों की कमी और प्रशासनिक प्रक्रिया में पिछड़ जाते हैं। इससे शिक्षा की पहुंच और संचालन में संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।

बिना अनुमति नहीं बढ़ा सकेंगे मनमानी फीस

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि निजी स्कूल सालाना अधिकतम 10% तक की फीस वृद्धि बिना अनुमति के कर सकते हैं। लेकिन इससे ज्यादा फीस बढ़ाने के लिए उन्हें अब जिला समिति से पूर्व अनुमति लेनी होगी। यह नियम अभिभावकों की आर्थिक सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा है। वर्षों से यह शिकायतें सामने आती रही हैं कि कई स्कूल मनमाने तरीके से फीस बढ़ाते हैं। अब जिला और राज्य स्तर पर गठित की गई फीस नियमन समितियां इन शिकायतों की निगरानी करेंगी और आवश्यक कार्रवाई भी करेंगी।

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