महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर भगदड़ के बाद ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग कर दी। उनकी इस टिप्पणी ने साधु-संत समाज में नाराजगी बढ़ा दी है। श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष पंडित दिनेश फलाहारी ने शंकराचार्य को महाकुंभ से बाहर करने की मांग की है।
प्रयागराज के सेक्टर-5 में आयोजित विराट संकल्प सभा में देशभर के संतों ने हिस्सा लिया। सभा में भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति का संकल्प लिया गया। प्रमुख संतों ने भगवान कृष्ण के चित्रपट पर दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण कर सभा की शुरुआत की। इस अवसर पर धर्म रक्षा और सनातन संस्कृति की मजबूती पर जोर दिया गया।
सभा में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से मुख्यमंत्री योगी के इस्तीफे की मांग को भ्रामक करार देते हुए संतों ने निंदा प्रस्ताव पारित किया। उन्होंने मांग की कि भविष्य में ऐसे व्यक्तियों को कुंभ में स्थान न दिया जाए। संतों का कहना है कि ऐसे बयान सनातन धर्म को कमजोर करते हैं और राजनीतिक हित साधने का माध्यम बनते हैं।
हजारों संतों और भक्तों ने 108 बार हाथ उठाकर भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि को मुक्त कराने का संकल्प लिया। पंडित दिनेश फलाहारी ने कहा कि जब तक कान्हा की 13.37 एकड़ भूमि मुक्त नहीं होती, तब तक यह तपस्या जारी रहेगी। सभा में शामिल संतों ने कहा कि धर्मविरोधी तत्वों को कुंभ जैसे पवित्र आयोजन से दूर रखना आवश्यक है।