📌 हार्मोनल गर्भनिरोधकों के उपयोग से हृदय संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ सकती है, डॉक्टरों की सावधानी बरतने की सलाह।
🔬 हालिया शोध का निष्कर्ष:
डेनमार्क में हुई एक विस्तृत स्टडी में खुलासा हुआ है कि गर्भनिरोधक गोलियों के नियमित उपयोग से महिलाओं में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
✅ शोध की अवधि: 1996 से 2021
✅ शामिल महिलाएं: 15 से 49 वर्ष की 20 लाख से अधिक डेनिश महिलाएं
✅ प्रकाशन: प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल The BMJ
📊 गर्भनिरोधक के प्रकार और उनसे होने वाला जोखिम:
गर्भनिरोधक विधि | इस्केमिक स्ट्रोक का खतरा | हार्ट अटैक का खतरा |
---|---|---|
संयुक्त एस्ट्रोजन-प्रोजेस्टिन पिल | 2 गुना अधिक | 1.5 गुना अधिक |
प्रोजेस्टिन-ओनली पिल | कम जोखिम | लेकिन अब भी संभावित खतरा |
वैजाइनल रिंग | 2.4 गुना अधिक | 3.8 गुना अधिक |
स्किन पैच | 3.4 गुना अधिक | – |
कॉपर टी या IUS (इंट्रायूटेरिन सिस्टम) | कोई बढ़ा हुआ खतरा नहीं | सबसे सुरक्षित विकल्प |
⚠ डॉक्टरों की सलाह:
🔹 यह एक अवलोकन अध्ययन (Observational Study) है, इसलिए यह सीधे तौर पर यह साबित नहीं करता कि गर्भनिरोधक हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बनते हैं।
🔹 लेकिन निष्कर्ष इतने महत्वपूर्ण हैं कि डॉक्टरों को गर्भनिरोधक प्रिस्क्राइब करने से पहले संभावित खतरों पर विचार करना चाहिए।
🔹 विशेष रूप से जो महिलाएं पहले से हृदय संबंधी जोखिम रखती हैं, उन्हें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
🚨 क्या करें?
✔ डॉक्टर से परामर्श लें – हार्मोनल गर्भनिरोधक चुनने से पहले उनके प्रभावों को समझें।
✔ कम जोखिम वाले विकल्पों पर विचार करें – जैसे कॉपर टी या IUS, जिन्हें सुरक्षित माना गया है।
✔ हृदय स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें – स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनाव नियंत्रण से हृदय रोगों का खतरा कम किया जा सकता है।
📢 महिलाओं को गर्भनिरोधक चुनने से पहले जागरूक होने की जरूरत है। यह सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य का मामला भी है!