बिहार में बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण की घोषणा ने प्रदेशवासियों में उत्साह भर दिया है। केंद्रीय बजट में इस परियोजना को शामिल किए जाने के बाद सभी की नजरें इसके अगले कदम पर टिकी हुई हैं। यह एक्सप्रेसवे बिहार के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट होगा, जो राज्य की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि यह एक्सप्रेसवे कब शुरू होगा, किन जिलों से होकर गुजरेगा और इसके लाभ क्या होंगे।
परियोजना की स्थिति और डीपीआर
बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे की योजना बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग द्वारा प्रस्तावित की गई है। हालांकि, अभी तक केंद्रीय मंत्रालय ने इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार नहीं की है। डीपीआर प्रक्रिया शुरू होते ही इस परियोजना का रूट तय किया जाएगा। सरकार की तत्परता को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि यह प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
संभावित रूट और रास्ता
एक्सप्रेसवे के लिए दो संभावित रूट्स पर चर्चा हो रही है। पहला रूट बक्सर से भोजपुर जिले के दक्षिणी हिस्से, अरवल, जहानाबाद, बिहारशरीफ, शेखपुरा, लखीसराय और मुंगेर होते हुए भागलपुर तक जाएगा।
दूसरे विकल्प में इसे पटना होकर ले जाने की योजना है। यदि यह पटना से होकर गुजरेगा, तो अरवल, जहानाबाद, नालंदा और शेखपुरा के कुछ हिस्से इस रूट से बाहर हो सकते हैं।
चार्ट: संभावित रूट का विश्लेषण
रूट विकल्प | शहरों के नाम | लाभ |
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पहला रूट | बक्सर, भोजपुर, अरवल, जहानाबाद, बिहारशरीफ, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर | दक्षिणी बिहार के कई हिस्सों को जोड़ेगा |
दूसरा रूट | बक्सर, भोजपुर, पटना, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर | पटना से जुड़ाव और गंगा किनारे से गुजरना |
पूर्वांचल और गंगा एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी
बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण से इसका संपर्क पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ जाएगा। बक्सर से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक कनेक्टिंग हाईवे का निर्माण तेजी से हो रहा है, जो अगले एक वर्ष में पूरा हो सकता है। यह कनेक्टिविटी बिहार को उत्तर प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों से बेहतर तरीके से जोड़ेगी।
औद्योगिक और आर्थिक विकास में योगदान
यह एक्सप्रेसवे बिहार के औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। पूर्व आईआरएस और भाजपा नेता बिनोद चौबे के अनुसार, इस परियोजना का निर्माण बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इससे स्थानीय व्यापार, कृषि, और उद्योग को बड़ा फायदा होगा।
लोगों की मांग और सरकार की भूमिका
स्थानीय लोगों और राजनीतिक प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार को इस परियोजना को जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए। बक्सर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सत्यदेव प्रसाद के अनुसार, वित्तीय वर्ष आधा बीत चुका है, लेकिन एक्सप्रेसवे का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
तीन लेन का नया पुल: बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर की ओर कदम
बक्सर में गंगा नदी पर तीन लेन का नया पुल बनने जा रहा है, जो इस एक्सप्रेसवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूती देगा। यह पुल स्थानीय और अंतरराज्यीय आवागमन को सुगम बनाएगा।
केंद्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी
केंद्र सरकार ने इस एक्सप्रेसवे के लिए बजट स्वीकृत कर दिया है। अब जिम्मेदारी राज्य और केंद्र दोनों की है कि वे मिलकर इस परियोजना को धरातल पर उतारें। इससे बिहार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
विकास की दिशा में मील का पत्थर
बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे बिहार के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों को जोड़कर एक नई विकास धारा शुरू करेगा। इस परियोजना से बिहार न केवल परिवहन के क्षेत्र में सशक्त होगा, बल्कि यह व्यापार और उद्योग के लिए भी नए दरवाजे खोलेगा।
निष्कर्ष
बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण बिहार के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार को इसे प्राथमिकता देकर तेजी से काम शुरू करना चाहिए। यह परियोजना न केवल बिहार बल्कि पूरे पूर्वी भारत के विकास को नई दिशा देगी।