शिक्षा में क्रांति की ओर पहला कदम
बिहार के भागलपुर जिले से शुरू हुआ लेलो साइंस आज पूरे राज्य में इंटर साइंस छात्रों के लिए एक आदर्श ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बन चुका है। यह न केवल भागलपुर, बल्कि पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भोजपुर जैसे 28 जिलों के बच्चों की पहली पसंद बन गया है। 2025 की इंटर साइंस परीक्षा में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों के सम्मान में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें 200 से अधिक विद्यार्थियों को मेडल, मोमेंटो और नकद पुरस्कार (चेक) प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी गईं।
सिर्फ छात्रों को नहीं, अभिभावकों को भी सम्मान
इस विशेष अवसर पर सिर्फ विद्यार्थियों ही नहीं, उनके अभिभावकों को भी अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। यह पहल इस बात का प्रतीक है कि शिक्षा में माता-पिता की भूमिका कितनी अहम होती है। समारोह में पटना, सुपौल, खगड़िया, बांका और अररिया जैसे जिलों से आए परिवारों की उपस्थिति ने इसे और भी गौरवपूर्ण बना दिया। मंच से यह संदेश गया कि छात्र और अभिभावक दोनों मिलकर ही सफलता की कहानी लिखते हैं।
पाँच महीने में सफलता की इबारत
लेलो साइंस की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि सिर्फ पाँच महीनों की मेहनत में इसने शानदार परिणाम दिए। इस मंच से पढ़ने वाले कई छात्र बिहार बोर्ड टॉपर वेरिफिकेशन तक पहुँचे। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही मार्गदर्शन, समय पर तैयारी और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा से कोई भी छात्र बड़ी ऊँचाइयाँ छू सकता है — चाहे वह किसी भी क्षेत्र या आर्थिक स्थिति से क्यों न आता हो।
बिहार के प्रसिद्ध शिक्षक, एक मंच पर
लेलो साइंस की टीम में शामिल शिक्षक न सिर्फ ऑनलाइन, बल्कि भागलपुर शहर में ऑफलाइन कक्षाएँ भी लेते हैं। फिजिक्स के जे.पी. उजाला, गणित के के. राज, केमिस्ट्री के सुधाकर मिश्रा (CNM Chemistry), बायोलॉजी के प्रभात कुमार, और अंग्रेजी-हिंदी के आग्रह कुमार एवं संतोष कुमार जैसे चर्चित शिक्षक इस मंच के स्तंभ हैं। इन शिक्षकों ने सम्मान समारोह में बच्चों को आशीर्वचन दिए और आगे की तैयारी के टिप्स भी साझा किए।
शिक्षा में समानता की दिशा में एक प्रेरक पहल
लेलो साइंस का मुख्य उद्देश्य है – “हर छात्र तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाना, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में रहता हो।” यह टीम वर्क की भावना से चलता है जहाँ हर शिक्षक मिलकर गरीब और दूरदराज़ क्षेत्रों के छात्रों को बेहतर भविष्य की ओर ले जाने का प्रयास करता है। यह मंच शिक्षा में समान अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो डिजिटल युग में बिहार की शैक्षणिक क्रांति का प्रतीक बन चुका है।
जिला | सम्मानित छात्र (संख्या) |
---|---|
भागलपुर | 40 |
पटना | 25 |
दरभंगा | 20 |
भोजपुर | 15 |
मुजफ्फरपुर | 15 |
समस्तीपुर | 12 |
सुपौल | 10 |
खगड़िया | 10 |
अररिया | 8 |
बांका | 7 |
अन्य 18 जिले | 38 |
कुल योग | 200+ |