उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के रमया गांव में बिजली विभाग की लापरवाही से एक किसान को 7 करोड़ 33 लाख रुपये का बिजली बिल थमा दिया गया। जब यह बिल किसान के हाथों में पहुंचा तो पूरा परिवार दंग रह गया। इतनी बड़ी रकम देखकर उन्हें अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया, और लोगों ने बिजली विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
किसान ने बताया कि उनके पास इतनी बड़ी रकम चुकाने का कोई साधन नहीं है। वे खेती-किसानी कर परिवार का पेट पालते हैं और आर्थिक तंगी के चलते हाल के वर्षों में कुछ बिल नहीं भर पाए थे। जब बिजली विभाग के कर्मचारी नया बिल दिखाने पहुंचे, तो पूरा परिवार हैरान रह गया। सबसे दुखद बात यह रही कि शिकायत करने पर विभाग के कर्मचारी बिना कोई सुनवाई किए वापस लौट गए।
मामला तूल पकड़ने के बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दिए और हरैया विद्युत उपकेंद्र के सहायक कर्मचारी दीपक तिवारी को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया। किसान का बिल सुधारकर 27,000 रुपये कर दिया गया। हालांकि, यह कोई पहली घटना नहीं है। बड़ा सवाल यह है कि ऐसी लापरवाहियों की जिम्मेदारी कौन लेगा, और कब तक गरीब उपभोक्ताओं को ऐसे झटके झेलने पड़ेंगे?