भगवान मधुसूदन की शाही शोभायात्रा

 

बाँका  बौसीं में मकर संक्रांति के मौके पर शुक्रवार को भगवान मधुसूदन की शाही शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से निकाली गई

कृत्रिम और प्राकृतिक फूलों से सजे एक गरूड़ रथ पर भगवान को बिठाकर दोपहर 2 बजे रथयात्रा को मंदार तराई स्थित पाप हारिणी सरोवर के लिए रवाना किया गया

शोभायात्रा
शोभायात्रा

अंचलाधिकारी विजय कुमार गुप्ता, बीडीओ पंकज कुमार एवं पंडा सहित भारी संख्या में  समाज के लोग ,भोली बाबा के शिष्य और धर्म रक्षणी महासभा के दर्जनों सदस्यों के द्वारा भगवान मधुसूदन के जयकारे लगाते हुए शोभायात्रा मंदिर से प्रस्थान किया

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परंपरा के अनुसार यह यात्रा मकर संक्रांति के मौके पर हर वर्ष निकाली जाती है। हालांकि वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से इस बार श्रद्धालुओं की संख्या अन्य सालों की तुलना में काफी कम थी। इस मौके पर पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक तरीके से सजाया गया था । दोपहर करीब 1:50 पर भगवान को गर्भ गृह से बाहर निकाल कर चांदी के छत्रप के नीचे से लाकर रथ पर बिठाया गया। जहां पूजा अर्चना के बाद शोभा यात्रा की शुरुआत की गई ।

भगवान मधुसूदन की शाही शोभायात्रा

महात्मा भोली बाबा की संकीर्तन टोली के साथ-साथ बंगाल के ढाक बजाते श्रद्धालु साथ चल रहे थे शोभायात्रा मंदार की तलहटी में बने फगडोल पर पहुंचीइसके पहले भगवान को पाप हारिणी सरोवर का जल भी सरोवर समीप ले जाकर स्पर्श कराया गया ।फगडोल पर पंडित के अलावा स्थानीय श्रद्धालुओं ने भगवान की पूजा अर्चना की।

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