विद्यालय के छात्रों द्वारा मनाया गया बिरसा मुंडा की जयंती

 

जनजातीय गौरव दिवस के रूप में बिरसा मुंडा जयंती

दिनांक 15 नवंबर 2021 दिन सोमवार को पूरनमल सावित्री देवी बाजोरिया सरस्वती शिशु मंदिर नरगाकोठी के प्रांगण में विद्यालय के भैया बहनों द्वारा जनजातीय गौरव दिवस के रूप में बिरसा मुंडा की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का प्रारंभ भागलपुर विभाग के सहयोगी कार्यकर्ता विनोद कुमार एवं विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य जितेंद्र प्रसाद द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया

बिरसा-मुंडा-जयंती-पर-दीप-प्रज्वलन
बिरसा-मुंडा-जयंती-पर-दीप-प्रज्वलन

विनोद कुमार ने बताया कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को रांची जिले के उलीहातू गांव में हुआ था। उन्होंने हिंदू और ईसाई धर्म दोनों की शिक्षा प्राप्त की थी। बिरसा ने अपने छोटे से जीवन में अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासियों को एकत्रित कर विद्रोह का सूत्र तैयार कर लिया और उन्हें आवाज उठाने की राजनीति सिखाई। बिरसा मुंडा हमेशा अपनी संस्कृति और धर्म को बचाना और बरकरार रखना चाहते थे। आज भी बिरसा मुंडा को न केवल झारखंड में बल्कि समाज और राष्ट्र के नायक के रूप में देखा जाता है। बिरसा मुंडा के जीवन से हमें साहस शौर्य एवं सेवा की सीख लेनी चाहिए।
जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि बिरसा मुंडा एक पढ़े-लिखे युवा नेता थे। बिरसा मुंडा आंदोलन विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शुरू किया गया था। यह आंदोलन आर्थिक ,राजनीतिक परिवर्तन और धार्मिक पुनरुत्थान जैसे उद्देश्य पाने की इच्छा रखता था। वे जमींदारों और ठेकेदारों के अत्याचार से आदिवासियों को मुक्ति दिलाना चाहते थे। मुंडा ने उन्हें अपना भगवान मान लिया था। उनका प्रत्येक शब्द मुंडाओं के लिए मानो ब्रह्मवाक्य बन गया था।

बिरसा-मुंडा-जयंती-कार्यक्रम-में -उपस्थित-छात्र
बिरसा-मुंडा-जयंती-कार्यक्रम-में -उपस्थित-छात्र

बिरसा मुंडा की मृत्यु के बाद आंदोलन शिथिल पड़ गया किंतु सरकार द्वारा छोटानागपुर काश्तकारी कानून पारित हुआ मुंडाओं को जमीन संबंधित कई अधिकार मिले और बेकारी से मुक्ति मिली। मुंडा समुदाय आज भी बिरसा को अपना भगवान मानते हैं।
आज की जयंती के अवसर पर कक्षा तीसरी से पंचम तक के कई भैया बहनों के द्वारा बिरसा मुंडा के बारे में प्रस्तुति की गई साथ ही विद्यालय के आचार्यों द्वारा भी बिरसा मुंडा के बारे में भैया बहनों को जानकारी दी गई।
कार्यक्रम प्रमुख शशि भूषण मिश्र आचार्य ने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस 15 नवंबर से 22 नवंबर तक मनाया जाएगा जिसमें विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम सम्मिलित हैं किसी दिन चित्रकारी ,तो कभी,सुलेख प्रतियोगिता इत्यादी।

बिरसा मुंडा-जयंती-पर-कार्यक्रम- की-प्रस्तुति-
बिरसा मुंडा-जयंती-पर-कार्यक्रम- की-प्रस्तुति-

अंत में शनिवार को भैया बहन के द्वारा रूप सज्जा प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी जिसमें भैया बहन बिरसा मुंडा के रूप में रूप सज्जा प्रतियोगिता में भाग लेंगे
यह जानकारी संस्थान के मीडिया प्रभारी शशि भूषण मिश्र ने दिया!

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