नाथनगर: दियारा इलाके से पलायन कर सीटीएस चर्च मैदान में शरण ले रहे बाढ़ पीड़ित
अब तक मोहनपुर, अजमेरीपुर व माधोपुर गांव के सैंकड़ों परिवार कर चुके पलायन
सरकार व प्रशासन से राहत की मांग, खुद के भोजन से ले मवेशी के चारे तक की समस्या
भागलपुर। इन दिनों नाथगनर शहरी इलाके के सीटीएस रोड स्थित चर्च मैदान में बाढ़ व कटाव पीड़ित ग्रामीणों पलायन कर पहुंच रहे हैं। करीब एक सप्ताह से रत्तीपुर बैरिया पंचायत के अजमेरीपुर, माधोपुर के अलावा मोहनपुर दियारा क्षेत्र में रहने वाले सैंकड़ो परिवार अपने घर-बार को छोड़ कर चर्च मैदान में अस्थाई तंबू लगा परिवार के साथ गुजर बसर कर रहे हैं। दरअसल, नाथनगर प्रखंड क्षेत्र के निचले दियारा इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के कारण उन इलाकों के ग्रामीण अपने परिवार व मवेशियों को लेकर ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
चर्च मैदान में अस्थाई टेंट बना कर रह रहे रत्तीपुर बैरिया पंचायत के अजमेरीपुर गांव निवासी कपिलदेव मंडल, कन्हैया मंडल, मीरा देवी आदि ने बताया कि उनके गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। घरों के अंदर भी पानी पहुंचने लगा है, जबकि सड़क डूब चुकी है। ऐसे में मजबूर होकर माल-मवेशी के साथ पलायन कर चर्च मैदान में अस्थाई ठिकाना बना कर रह रहे हैं। उनलोगों का कहना था कि उनलोगों के पास खाने-पीने से लेकर मवेशी के लिए चारा तक की दिक्कत सामने आ रही है। सबसे ज्यादा पीने के पानी की समस्या है और सुबह-शाम सत्तू खा कर गुजारा कर रहे हैं। उनलोगों ने प्रशासन से मवेशियों के लिए चारा एवं उनलोगों के लिए सिमुचित व्यवस्था करने मांग की है। माधोपुर की रहने वाले ओसित मंडल की पत्नी किरण देवी अस्थाई टेंट में अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पानी-भात खा रही थीं। उन्होंने बताया कि गांव के साथ-साथ उनके घरों में भी बाढ़ पानी प्रवेश कर चुका है। ऐसे में छोटे-छोटे चार बच्चों व मवेशी के साथ चर्च मैदान में प्लास्टिक का तंबू बना कर रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिजली-बत्ती की व्यवस्था नहीं रहने के कारण रात में सांप-बिच्छू का भी डर लगता है।
घरों में चार फीट तक पानी, कई की जमीन कटाव की भेंट चढ़ी
मोहनपुर दियारा के फेकन मंडल, बसंत मंडल, भट्टो मंडल, नरेश मंडल, लाले मंडल, बाबूलाल मंडल बाबूलाल मंडल, गणेश मंडल, नरेश मंडल, विष्णुदेव आदि ने बताया कि गांव के 300 परिवारों में 60 से 70 परिवार गांव से पलायन कर यहां आ चुके हैं।
कुछ लोग छह दिनों से तो कुछ तीन-चार दिनों से यहां पर रह रहे हैं। उनलोगों ने बताया कि खुद के कमाए पैसे से या फिर कर्ज लेकर लास्टिक खरीद कर टेंट बनाए हैं। गांव में चार से पांच फीट तक बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। कई लोगों की जमीन तक कटाव की भेंट चढ़ गई है। गांव के नित्यानंद मंडल ने बताया कि बाढ़ का पानी लगातार बढ़ने के कारण मवेशी का चारा और अनाज भी पूरा डृब गया और कटाव में जमीन भी चली गई। परिवार के भरण-पोषण व मवेशियों के चारे की समस्या भी सामने आ गई है। वहीं, ऐसे दर्जनों लोग थे, जो अस्थाई टेंट बनाने में जुटे थे, ताकि परिवार को बाढ़ की चपेट से बचाने के लिए यहां पर शरण ले सकें।